*🏵️कहानी बडी सुहानी*
*🙏संगत का असर*
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*🙏एक बार एक शिकारी शिकार करने गया,शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया।*
*पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण।*
*वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुँह पर बार बारआ रही हैं जिसके कारण ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, इसलिए वह दयालू हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख फैलाकर कर बैठ गया ताकि उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सो सके ।*
*जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया।*
*तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा कि उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया।*
*हंस नीचे गिरा और मरते-मरते उसने शिकारी से कहा:- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष?*
*फिर दोष किस का क्या आपने मल विसर्जन नहीं किया*?
*नहीं भाई मैं तो आपकी सेवा कर रहा था मल विसर्जन तो उस कौवे ने किया है और वह मल विसर्जन करते ही यहां से उड़ गया*।
*उस समय शिकारी ने कहा: यद्यपि आपका जन्म उच्च परिवार में हुआ, आपकी सोच आपके तन की तरह ही सुंदर हैं,आपके संस्कार शुद्ध हैं, यहाँ तक की आप अच्छे इरादे से मेरे लिए पेड़ की डाली पर बैठ मेरी सेवा कर रहे थे, लेकिन आपसे एक गलती हो गयी कि जब आपके पास कौआ आकर बैठा तो आपको उसी समय उड़ जाना चाहिए था*।
*क्योंकि उस दुष्ट कौए के साथ एक घड़ी की संगत ने ही आपको मृत्यु के द्वार पर पहुंचाया हैं।*
*इसलिए दुष्ट लोगों की संगत से बिलकुल दूर रहना चाहिये पता नहीं दुष्ट की संगत का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव हो पर होगा अवश्य।*
*क्या समझें*❓
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