Maro Mujro Lyone Raj Saheb Shanti Saluna Lyrics Jian Stavan
मारो मुजरो ल्योने राज
साहिब शांति सलुणां
अचिराजीना नंदन तोरे,
दरिसण हेते आव्यो;
समकित रीझ करो ने स्वामी,
भक्ति भेटणुं लाव्यो. (१)
मारो मुजरो ल्योने राज…
दुःखभंजन छे बिरुद तुम्हारूं,
अमने आश तुम्हारी;
तुमे नीरागी थईने छूटो,
शी गति होंशे हमारी. (२)
मारो मुजरो ल्योने राज…
कहेशे लोक न ताणी कहेवुं,
एवडुं स्वामी आगे;
पण बाळक जो बोली न जाणे,
तो किम व्हालो लागे. (३)
मारो मुजरो ल्योने राज…
म्हारे तो तुं समरथ साहिब,
तो केम ओछुं मानुं;
चिंतामणी जेणे गांठे बांध्युं,
तेहने काम किश्यानुं. (४)
अध्यातम रवि उग्यो मुज घट,
मोहतिमिर हर्युं जुगते;
विमलविजय वाचकनो सेवक,
‘राम’ कहे शुभ भगते. (५)
मारो मुजरो ल्योने राज…
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