Gautam Swami Duha
हे महा लब्धीवंत ए ए गुरु अमारा,
महावीर ने शरणे रहेनारा
पंच महाव्रत ने धरनारा,
भाविकतणा दुःख हरनारा
जब तक सूरज चांद रहेगा,
गौतम तेरा नाम रहेगा
तेरा दर्शन परदज पामे,
आवे श्रद्धा सुमन चडावे
हे गुरु गौतम ने समरतां, पापो जाये भागी
दिवसे दिवसे समृद्धि जागे, पुण्यराशि भव जागे
गौतम ने आवता जोईने, तापसो चिंतवे एम रे
अमे नथी चडी शकता तो आ, पुष्टकाय चडे केम रे
सूर्यकिरणो अवलंबी गौतम, अष्टापद चडी जाय
देव वांदी व्रजस्वामी जीवने, प्रतिबोधी वळता थाय
पंदरसो तापसने बोध दई, साथे लइ ने आवे
लावी खीर पात्रे, अंगुठे धारी, सर्वंने पारणुं करावे
धून
महावीर बोलो तमे गौतम बोलो (२ बार)
जिन शासन नी जय जय बोलो (२ बार)
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