Thava De Angaar Jain Diksha Song Hindi Lyrics
पंथडो हवे जड़ी गयो,
वैराग्य रंग लागी गयो,
प्रभु नो मार्ग मने मळी गयो,
गुरु नो संग हवे फळी गयो,
थवा दे अणगार, लेवा ने वैराग,
थवा दे अणगार, थवु छे भवपार…
मने सुख ना साधनों वळगी गया,
मने मोह भरम मारा जकळी रह्या,
गुरु मळ्या भव थी तारवा,
संयम जीवन नो स्पर्श माणवा,
थवा दे अणगार, लेवा ने वैराग,
थवा दे अणगार, थवु छे भवपार…
• श्लोक •
॥ अन्यथा शरणम् नास्तिः, त्वमेव शरणम् मम
तस्माद कारुण्य भावेन, रक्ष रक्ष जिनेश्वर ॥
आ पंथ हो भले निर्ग्रन्थ नो,
सागर घुघवतो आनंद नो,
आवी आंतरिक मस्ती मां रमी,
आ त्याग नी दुनिया मुझने गमी,
थवा दे अणगार, लेवा ने वैराग,
थवा दे अणगार, थवु छे भवपार...
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