Aaj Manorath Maro Faliyo Jain Stavan Hinid Lyrics
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
दुरगतिनो भय दूरे टळियो पायो पुन्य पोटलियो रे.
आज मनोरथ माहो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
मोह महाभट जे छे बळियो सयल लोक जेणे छलियो रे;
माया मांहे जग सहु पुलियो ते तुज तेज गलियो रे.
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
तुम दरिशन विण बहुभव फलियो, कुगुरु कुदेवे जलियो रे;
झाझा दुःखमांहे हांफलियो, गति चारे आफळियो रे.
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
कुमति कदाग्रह हेले दळियो, जब जिनवर सांभळो रे;
प्रभु दीठ आनंद उछळियो, मगमांहे घी ढळियो रे.
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
अवर देवशुं नेह विचलियो जिनजीशुं चित्त हळियो रे;
पामी स२स सुधारस कळियो कुण ले जळ भांभळियो रे.
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे;
जन मन वंछित पूरण फळियो, चिंतामणी झळहळियो रे;
मेघ कहे गुणमणि मादळियो, दो दोलत दादळियो रे.
आज मनोरथ मारो फळियो, पार्श्व जिनेश्वर मळियो रे
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