Sumari Jinesar Seviye Ho Lal Lyrics Jain Stavan
सुमति जिणेसर सेवीये हो लाल,
सुमति तणो दातार साहेबजी
बहु दिननो उमाहलो हो लाल,
दरिसण आपो सार साहेबजी
सुमति… (१)
मेघराय कुल चंदलो हो लाल,
मंगला मात मल्हार साहेबजी
भव भयथी हुं ऊभग्यो हो लाल,
तुं मुज शरणुं सार साहेबजी
सुमति… (२)
पाये क्रौंच सेवे-सदा हो लाल,
तुंबरू सारे सेव साहेबजी
महाकाली सुरि सदा हो लाल,
विध्न टाले नित्यमेव साहेबजी
सुमति… (३)
नयरी कोशलाए अवतर्यो हो लाल,
तव वरत्यो जयजयकार साहेबजी
घरे घरे हरख वधामणां हो लाल,
धवल मंगल देनार साहेबजी
सुमति… (४)
अनंत गुण छे ताहरा हो लाल,
कहेतां नावे पार साहेबजी
दिन दिन तुम्ह सेवा थकी हो लाल,
ऋद्धि कीर्ति अनंती सार साहेबजी
सुमति… (५)
रचियता: कीर्ति विमलजी महाराज
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