Siddhagiri Ne Bhetvano Bhav Jagyo Lyrics Jain Stavan

Siddhagiri Ne Bhetvano Bhav Jagyo Lyrics Jain Stavan

सिद्धगिरिने भेटवानो भाव जाग्यो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां मारो मनडो लाग्यो रे
भवसागरने तरवा माटे गिरिवर नैया छे,
उजजवल गिरिने भेटता बस ! हर्षित हैया छे,
मेरु महिधर तीर्थने में आराध्यो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||१||

सिद्धाचल विमलाचल, रेवत गिरिवर नाम छे,
भद्रंकर गुणकंद चरणमां नित्य प्रणाम छे,
महोदयगिरि महापीठ गिरि शाश्वत भाख्यो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||२||

ज्योति स्वरुप शिवपद उदयगिरि कीर्ति भारी छे,
कर्मसुदन सुरप्रिय गिरिवर जय जयकारी छे,
नंदीवर्धन तालध्वजगिरि दिलमां राख्यो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||३||

अजरामर पद चर्चगिरिवर शिवदा संतो छे,
नगेश हेमगिरि जयंतगिरि जय जयवंतो छे,
कपर्दिवास अनंत शक्ति ग्रंथे दाख्यो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||४||

शशी रमणलाल यात्रा नव्वाणुं भावे करावे छे,
चिन्तन अनुज हळीमळीने महागिरि आवे छे,
शत्रुंजय उत्सव करी जगमां नाम कमायो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||५||

सूरि राजेन्द्र” द्रढ शक्ति गिरि महिमा बताव्यो छे,
कंचनगिरि सुभद्र अकर्मक नाम छायो छे,
“जयन्तसेन” गिरिराज ने भक्ति थी गायो रे,
गिरिवरनी भक्तिमां… ||६||

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