Bhagwan Mori Naiya Lyrics Jian Stavan
भगवन् ! मोरी नैया , उस पार लगा देना ,
अब तक तो निभाया है , आगे भी निभा देना . . . .
हम दिन दुःखी निर्धन , नित नाम जपे प्रतिपल
यह सोच दरस दोगे , प्रभु आज नहीं तो कल ,
वो बाग लगाया है , फूलों से सजा देना . . . अब तक . . . 1
तुम शांति सुधाकर हो , तुम ज्ञान दिवाकर हो ,
मुम हँस चुगे मोती , तुम मानसरोवर हो ,
दो बूंद सुधा रस की , हम को भी पिला देना . . . अब तक . . . 2
रोकोगे भला कब तक , दर्शन दो मुझे ,
तुम रे चरणों से लिपट जाऊं , प्रभु शोक लता जैसे ,
अब द्वार खड़ा तेरे , मुझे राह दिखा देना . . . अब तक . . . 3
मझधार पड़ी नैया , डगमग डोले भव में ,
आओ त्रिशला नंदन हम ध्यान धरे मन में ,
अब दास करे विनती , मुझे अपना बना लेना ,
भगवन् मोरी नैया उस पार लगा देना . . . अब तक . . . 4
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें