Saiyam jivan che - संयम जीवन छे

Saiyam jivan che 

संयम जीवन छे 


संयम जीवन छे , जीवन संयम छे , 
समता शाता वैराग्यनुं आ सुंदर उपवन छे . . . 

काले हतो जे संसारी जीवडो , आजे बनी गयो संयमी दिवडो ( 2 ) , 
ओघो पातरा कामळी दांडो ( 2 ) , ए मुक्तिना साधन छे . . . 1 

पगमां तारा छाला पडशे , कर्मो त्यारे भडभड बळशे ( 2 ) , 
वंदे संसारी सहुं तुजने ( 2 ) , जेनुं जीवन धनधन छे . . . 2 

वाणीमां तुं अमृत भरजे , गुरुजीनी तुं सेवा करजे ( 2 ) , 
जो जो ना गुंचाये दिलना धागा ( 2 ) , आ सागर छलोछल छे . . . 3 , 

श्री कर्णिक शाह
वडोदरा

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