Mare Chadhvi Che Sayam Pagthar मारे चढवी छे संयम पगथार

Mare Chadhvi Che Sayam Pagthar 

मारे चढवी छे संयम पगथार 

मारे चढ़वी छे संयम पथगार रे , सगपण संयमथी , 
में तो मेल्यो छे सघळो संसार रे , सगपण संयमथी . . . . 

संयम जीवन छे खांडानी धार रे , माथे पंचमहाव्रतनो भार रे , 
देजो अंतरना आशिष अपार रे , सदा गुंजे समर्पण रणकार रे . . . 

महामुलो छे मानव अवतार रे , पूरव पून्ये मल्या सुसंस्कार रे , 
छोड़ी जावू हवे घरबार रे , मारो आतम बन्यो अणगार रे . . . 


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