Ek Manorath Evo Che Dksha Song - एक मनोरथ एवो छे

Ek Manoratha evo che Dksha Song

एक मनोरथ एवो छे दिक्सा गीत


एक मनोरथ एवो छे , वेष श्रमणनो लेवो छे , 
प्रभु चरणोमां रहेवुं छे , संयम मारे लेवुं छे , 
अंतरनी एक प्यास छे , संयमनी अभिलाष छे . . . 1 

भवभ्रमणा दूर टळजो रे , पंथ प्रभुनो मळजो रे , 
अरजी ए अवधारजो , संयम जीवन आपजो , 
जाग्या छे एवा अरमान , श्रमण धर्म - देजो दान . . . 2 

भवोभवनो हुं प्यासी छुं , संयमनो अभिलाषी छुं , 
साद मारो सांभळजो रे , मारग तारो मळजो रे , 
वीर प्रभुनो अंश मळे , गुरु गौतमनो वंश मळे . . . 3 

संयम मारे लेवूं छे , भवथी पार उतरवुं छे , 
रोमरोमथी प्रगटे नाद , संयमना द्यो आशीर्वाद , 
एक झंखना जागी छे , संयम भिक्षा माँगी छे . . 4 

करुणा करजो ओ किरतार , संयम देजो जगदाधार , 
उरना आसन खाली छे , दीक्षा मुजने व्हाली छे , 
वरसोथी मीट मांडु छुं , संयम भिक्षा मांगु छुं , 
एक मनोरथ एवो छे , वेष श्रमणनो लेवो छे . . . 5

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