jain diksha song stavan - ogho che anmolo lyrics ओघो छे अणमूलो

jain diksha song stavan - ogho che anmolo lyrics


( स्तुति )
मुहपत्तिने ओघो मळे , प्रभुआणामां रहेवू गमे , 
कल्याणकारी जीवन काजे , उपकरण एवा सांपडे ; 
श्रद्धा थकी जो पाळे संयम , अधिकरण कदी ना बने , 
अणिशुद्ध हो चारित्र तारू , आश प्रियंकरनी फळे . . . . 

( गीत ) 
ओघो छे अणमूलो , एनुं खुब जतन करजो ; 
पंथडो छे परम प्रभुनो , श्रद्धाए सफल करजो . . . 

प्रभूना वचनो झीलवा , गुरु चरणोमां रहेवा , 
सहवर्तीओनी सेवा , तारे पामवा मुक्ति मेवा ; 
एक लक्ष , एक ज ध्यान मुक्तिनुं सकल जहाज . . . ओघो छे . . . 1 

जिनशासनना छो रागी , वैराग्यना थया अनुरागी , 
संयम शुं रढ लागी , गुरु कने भिक्षा मांगी ; 
त्याग - वैराग्य - जीवन , खीलशे संयम उपवन . . . ओघो छे . . . 2

स्वआतमानी करजे भाळ , कर्मोनी दूरे जंजाळ , 
उपसर्गोनी वणझार , शुभ साधनानो ए सार , 
प्रियंकरनी एक ज आश , मुक्तिनी छे अभिलाष . . . ओघो छे . . . 3

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