Shambhavnath Bhagvan

*श्री संभवनाथ भगवान* 

*चैत्र सुद ५* 
*मोक्ष कल्याणक* 

*।। श्री श्रावस्ती मंडन* *संभवनाथाय नम: ।।* 

*प्रभु विचरण करते हुए समेतशिखर पधारते है। वहा मासक्षमण का तप करके कार्योत्सर्ग मुद्रा में 1000 के साथ चैत्र सुदी 5 के दिन पश्चिमाह्य काले , मिथुन राशि और आद्रा नक्षत्र में मोक्ष में गये। प्रभु का चारित्र पर्याय 1 लाख पूर्व 4 पूर्वांग वर्ष का था। 60 लाख पूर्व वर्ष का आयुष्य पूर्व हुआ था। प्रभु का प्रायः शासन 10 लाख करोड़ सागरोपम वर्ष चला था। प्रभु के शासन में दिन मोक्ष मार्ग शुरु जो संख्यात पुरुष पाट परंपरा तक चला था। प्रभु के भक्त राजा मृगशेन थे । प्रभु की माता मोक्ष में और पिता ईशान देवलोक में गये थे। प्रभु की सेवा में त्रिमुख यक्ष और दुरितारी देवी यक्षिणी निरंतर रहते है।*

*।। चैत्यवंदन ।।*

*सावत्थि नयरी धणी, श्री संभवनाथ;*
*जितारि नृप नंदनो, चलते शिव साथ*:
*सेनानन्दन चन्दने, पूजो नव अंगे*,
*चारशे धनुष नूं देह मान, प्रणमो मनरंगे*:
*साठ लाख पुरव तणु ए, जिनवर उत्तम आय*;
*तुरंग लंछन पद पद्मने, नमतां शिव सुख थाय*.

*।।स्तवन ।।*

*श्री संभवनाथ जिन स्तवन*
*हां रे हुं तो मोह्यो रे लाल*,*जिन मुखडाने मटके;जिन मुखडाने मटके वारी जाउं,प्रभु मुखडाने मटके*.
*…हांरे. १*

*नयन रसीलां ने वयण-सुखाळां,चित्तडुं लीधुं हरी चटके;प्रभुजीनी साथे भक्ति करंतां,कर्म तणी कस त्रटके*.
*…हांरे. २*

*मुज मन लोभी भ्रमर तणी पेरे,प्रभु पद कमळे अटके;रत्नचिंतामणि मूकी राचे,कहो कुण काचने कटके*.
*…हांरे. ३*

*ए जिन ध्याने क्रोधादिक जे,आसपासथी अटके;केवलनाणी बहु सुखदाणी,कुमति कुगतिने पटके*.
*हांरे. ४*

*ए जिनने जे दिलमां न आणे,ते तो भूला भटके;प्रभुजीनी साथे* *ओळख करंतां,वांछित सुखडां सटके*.
*…हांरे. ५*

*मूर्ति श्री संभव जिनेश्‍वर केरी,जोतां हैयडुं हरखे;नित्यलाभ कहे प्रभु कीर्ति मोटी,गुण गाउं हुं लटके*.

*।। थोय ।।* 

*संभव सुखदाता, जेह जगमां विख्याता*,
*षट् जीवना त्राता, आपता सुखसाता।*
*माते न भ्राता, केवलज्ञान ज्ञाता,*
*दुःख दोहग व्राता, जास नामे पलाता।।*

*कल्याणक तप की आराधना विधि*

*तप - आयंबिल- एक से अधिक कल्याणक होने पर* 

*निचे प्रकार से विधि करे* 

*विधि - १२ लोगस्स का काउसगग, १२ साथिया, उसके उपर १२ फळ अौर १२ नैवेध रखे १२ खमासमणा देवे* 

*खमासमण देने के लिए दुहा* 

*परम पंच परमेष्ठीमां, परमेश्वर भगवान*;
*चार निक्षेपे ध्याईए, नमो नमो श्री जिनभाण*.

*जाप - २० नवकारवाळी नीचे प्रमाण से गिने* 

*जाप मंत्र* 

*ॐ ह्रीं श्रीं संम्भवनाथ स्वामी पारंगताय नमः*

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