Jena Pavan Pagla thi Jay Jaykar Kare Diksha Jain Stavan Lyrics

Jena Pavan Pagla thi Jay Jaykar Kare Diksha Jain Stavan Lyrics


जे ना पावन पगलां थी, धरती धबकार करे

ने वीर प्रभु नो वेश धरी, संयम शणगार करे

देवो पण… साधु जीवन नो…

जय जयकार करे… (4)


कोई भक्त बनी ने आवे

अरे आवे आवे आवे… (2)

पण मन मां हे मुनिवर ना

हरखावे ना हरखावे… (2)

कोई उपसर्गो वरसावे… (2)

एनी हैयुं तो, रमतुं समता भावे…

सन्मान अने अपमान भूली, सरखो उपकार करे

देवो पण… साधु जीवन नो…

जय जयकार करे… (4)


दीक्षा लइ ने अणगारा

अणगारा रे अणगारा… (2)

भिक्षा माटे घर-घर मां

फरनारा ए फरनारा… (2)

मळशे तो संयम वृद्धि… (2)

ना मळशे तो माने तप नी वृद्धि…

ए राग विना ने द्वेष विना, सहुनो स्वीकार करे

देवो पण… साधु जीवन नो…

जय जयकार करे… (4)


कोई निंदे ने कोई वंदे

हा वंदे रे भाई वंदे… (2)

भीतर-थी रहे आनंदे

आनंदे रे आनंदे… (2)

मुनिवर जंगम तीरथ छे… (2)

मारे रेहवुं छे, मुनिवर ना संबधे…

मुनिराज तणा आ जीवन थी, उदय भवपार करे

देवो पण… साधु जीवन नो…

जय जयकार करे… (4)


(रचना : प. पू. पन्यास उदयरत्नविजयजी म. सा.)

टिप्पणियाँ