Kunthunath Bhagavan Jain Stavan

        *🙏🏻श्री कुंथुनाथ भगवान के 🙏🏻*
            *केवलज्ञान कल्याणक की* 
                *बहुत - बहुत बधाई*

*करूणा कुंथु जिणंद नी* 
*त्रिभुवन मंडल माही ललना* 
परमेश पंच कल्याणके 
प्रगट उध्योत उच्छाह ललना 

सुर सुत तन षटकाय ने 
राखे अचिरज रूप ललना
भाव अहिंसक गुण तणो रे 
*ए व्यवहार अनूप ललना* 

दीधो दुष्ट व्यंतर थकी 
छाग रह्यो पग आय ललना
परमकृपालु प्रभु मिले 
*कहो किम अलगो थाय ललना* 

शांत अनुमत वयतणो 
लोकोत्तर आचार ललना 
उदयिक पण अरिहंतनो 
*न धरे विषय विकार ललना* 

असंख्य प्रदेशे परिणमे 
अव्याबाध अनंत ललना 
वानगी अवनी मंडले
*विहारे इति समतंत ललना* 

जगजंतु जिनवर तणे 
शरणे सिद्धि लहंत ललना 
क्षमाविजय जिनदेशना 
जलधर परे वरसंत ललना  
करूणा कुंथु जिणंद नी 
*त्रिभुवन मंडल माही ललना ...2*

     *✍🏻 रचना - पूज्य श्री जिनविजय जी*

*🔴 प्रतिक्रमण चैत्यवंदन में बोल सकते हैं❗*

                       

टिप्पणियाँ