*꧁ नवकार करे भव से पार ꧂*
*DATE ~ 08/04/2022*
*🕰️समय दोपहर 2:25 से 3:00*
💎 *टॉपिक - -: अरिहंत पद* 💎
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*Q 1, ▪️आज नवपद जी औली की आराधना का कौनसा दिवस है ? हम किसकी आराधना करते हैं* ❓
*Ans 1, ▪️प्रथम दिवस, अरिहंत पद*
*Q 2,▪️ नवपद औली जी का पर्व हम कब से मना रहे है* ❓
*Ans 2, ▪️य़ह औली पर्व शास्वत है, अनादि काल से है,और सदा रहेगा.*
*Q 3,▪️ ये नवपद कितने भागों में विभक्त है, और कौन से*❓
*Ans 3, ▪️ये नवपद तीन भागों में विभक्त है, 1, देव तत्व 2, गुरु तत्व 3,धर्म तत्व.*
*Q 4, ▪️दूसरी अपेक्षा से कितने भागों में विभक्त है और कौन से* ❓
*Ans 4, ▪️सिद्ध तत्व, साधक तत्व, साधना तत्व. तीन भागों में विभाजित है.*
*Q 5, ▪️आज हम कौन से तत्व की आराधना कर रहे है* ❓
*Ans 5,▪️ देव तत्व व सिद्ध तत्व.*
*Q 6, ▪️ नवपद जी का दूसरा नाम क्या है* ❓
*Ans 6, ▪️नवपद जी का दूसरा अपर नाम सिद्धचक्र जी है*.
*विघ्न करोड़ दूर टले, वांछित फ़ले तत्काल, सिद्ध चक्र सेवे सदा तस घर मंगल माल*
*Q 7, ▪️नवपद जी (सिद्ध चक्र जी) में अरिहंत पद का कौन से स्थान पर शोभायमान है* ❓
*Ans 7, ▪️केंद्र (centre) स्थान पर शोभायमान है* ?
*Q 8, ▪️सिद्ध तत्व में किसे किसे समाहित किया गया है*❓
*Ans 8, ▪️सिद्ध तत्व या देव तत्व में अरिहंत व सिद्ध तत्व को समाहित किया गया है.*
*गुरु या साधक तत्व में आचार्य, उपाध्याय व साधु जी को तथा धर्म या साधना तत्व में दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप तत्व को समाहित किया गया है.*
*Q 9,▪️ व्यावहार नय से अरिहंत जी का क्रम पहले या सिद्ध भगवान जी का* ❓
*Ans 9▪️ व्यवहार नय से अरिहंत भगवान का पद पहले, सिद्ध भगवान जी का पश्चात. निश्चयनय से सिद्ध प्रभु का क्रम पहले अरिहंत जी बाद में.*
*Q 10,▪️ अरिहंत शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है*❓
*Ans 10, ▪️कर्म रूपी शत्रुओं को नाश करने वालों को अरिहंत कहा है*
*Q 11,▪️ अरिहंत पद किस प्रकार प्राप्त होता है* ❓
*Ans 11,▪️ चार घाती कर्म के क्षय से अरिहंत पद की प्राप्ति होती है*.
*Q 12, ▪️क्या गौतम स्वामीजी केवल ज्ञान के पश्चात 12 वर्ष अरिहंत रूप मे विचरण किया या गणधर रूप मे* ❓
*Ans 12, ▪️सर्वज्ञ बनने के पश्चात गौतम स्वामी जी अरिहंत रूप मे ही विचरण किया*.
*Q 13,▪️ क्या सभी सर्वज्ञ अरिहंत ही होते है* ❓
*Ans 13, ▪️सभी सर्वज्ञ अरिहंत ही होते है.*
*Q 14,▪️ तीर्थंकर परमात्मा जिनके 34 अतिशय होते हैं व सामान्य केवली दोनों को एक समान अरिहंत पद में क्यों लेते हैं* ❓
*Q Ans 14, ▪️तीर्थंकर परमात्मा व सामन्य केवली दोनों के ज्ञान का क्षयोपशम एक समान ही होता है. दोनों केवलज्ञान के धनी होते हैं. दोनों ने चारों घाती कर्म का क्षय किया है*.
*Q 15,▪️ वर्तमान मे अरिहंत पद पर हम किसे पूज्य मानते है* ❓
*Ans 15, ▪️श्री सीमन्धर जी आदि बीस विहरमान जी को*.
*Q 16,▪️ जम्बू द्वीप में इस समय कितने विहरमान है* ❓
*Ans 16, ▪️जम्बू द्वीप के महाविदेह क्षेत्र में इस समय 4 विहरमान है.*
*Q 17, ▪️श्री सीमन्धर भगवान इस समय महाविदेह क्षेत्र के कौन से विजय, कौन सी नगरी में है* ❓
*Ans 17, ▪️श्री सीमन्धर स्वामी जी वर्तमान में उत्तरपूर्वी महाविदेह के आठवीं पुष्कलावती विजय की राजधानी पुण्डरीकिणी नगरी में है*.
*Q 18,▪️ उनकी देह संरचना,आयुष्य की तुलना हम भरत क्षेत्र के कौन से तीर्थंकर परमात्मा से कर सकते है* ❓
*Ans 18, ▪️अवगाहना, आयुष्य आदि अनेक बातों का हम श्री ऋषभदेव प्रभु से कर सकते है*.
*Q 19, ▪️वर्तमान मे महाविदेह क्षेत्र मे 20 तीर्थंकर परमात्मा में श्री सीमन्धर स्वामीजी को हम सबसे अधिक मानते हैं क्या वह हमारे सबसे अधिक नजदीक है इसलिए* ❓
*Ans 19,▪️ श्री सीमन्धर स्वामीजी हमारे सबसे अधिक नजदीक नहीं है*.
*Q 20, 💐फिर सबसे ज्यादा हम श्री सीमन्धर स्वामीजी की भक्ति क्यों करते हैं* ❓
*Ans 20, ▪️जैसे हम 24 तीर्थंकरों में पुरुषादानीय़ श्री पार्श्वनाथ प्रभु की उनके अत्याधिक पुण्य के कारण सबसे अधिक भक्ति करते है उसी प्रकार श्री सीमन्धर स्वामीजी की भी उनके अत्याधिक पुण्य के कारण भक्ति करते है*.
*Q 21, ▪️जम्बू द्वीप में वर्तमान मे जो तीर्थंकर परमात्मा विद्यमान है उनके नाम बताए* ❓
*Ans 21, ▪️1, श्री सीमन्धर स्वामीजी 2, श्री युगमंदिर स्वामीजी 3, श्री बाहु स्वामीजी 4,श्री सुबाहु स्वामीजी*.
*Q 22, य़ह चारों परमात्मा सर्वज्ञ है, वर्तमान में है, हम भरत क्षेत्र से उनको वंदन करे तो क्या हमारा वंदन उनको पहुंचता है ❓*
*Ans 22, श्री सीमन्धर स्वामीजी को हमारा भाव पूर्वक किया*
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