Jain question answer

*बूझो तो जाने* 
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*🏮1) काल की अपेक्षा से सबसे छोटे व्रत में आता हूं ।*
*मुझसे ही सावद्य व्यापार का त्याग कराता हु ❓*
                                              
*🅰 करेमि भंते*

*🏮2)चलते-चलते शब्द सुनाती,*
*कभी नहीं नजरों में आती।*
*साथ रहे वह कहीं न जाती,*
*चली-चली दुनिया कहती ❓*

*🅰 हवा*

*🏮3) भटक—भटक कर दुख ही पाता , चउगतियों में कहीं न साता।*
*इन गतियों के नाम बताओ, सबसे पहले इनाम पाओ ❓*

*🅰 चार गतियाँ— नरकगति, तिर्यंचगति, मनुष्यगति, देवगति*

*🏮4)खेती करना धन है कमाना, जान बूझ न जीव सताना । कौन सी हिंसा हमें बताना, दान पुण्य कर पाप नशाना ❓*

*🅰 उद्योगी हिंसा*

*🏮5) श्री सुव्रत आचार्य , दिया निकाला देश*
*बतलाओ वे कौन थे , जिसे श्रमण से द्वेष ❓*

*🅰नमुचि*

*🏮6) निर्जरा भी मुझसे होती , आत्मनिर्मल का दीप हु*
*मुझे करते सुबह शाम , मैं तो एक क्रिया हु❓*
                                              
*🅰 प्रतिक्रमण*

*🏮7)माता जैसा नाम मेरा , बत्तीस नारी से विवाह किया*
*धन वैभव को तजकर , जिन वचनों को धारण किया*❓

*🅰 शालीभद्र जी*

*🏮8) पानी मे थी आसक्ति , तिर्यंच बनकर जन्म लिया*
*प्रभु दर्शन को जाते समय रथ तले कुचला गया*❓

*🅰 नंदमणियार*

*🏮9)मैं कितनी अभागिनी माता -पुत्रो का नही बचपन देखा*
*पुनः पुत्र पाकर भी उसका यौवन नही देखा❓*

*🅰 देवकी रानी*

*🏮10) समुद्र है , पर नही है जल*
*हुए उनके पुत्र एक तीर्थंकर ❓*

*🅰 समुद्र विजय राजा*

*🏮11 ) एक नारी का मैला रंग, लगी रहे वह पी के संग*
*रोशनी में वह संग विराजे, अंधियारे में छोड़ कर भागे❓*
                                              
*🅰 छाया*

*🏮12)पहले तो मैं सीधा चलता, फिर उल्टा हो जाता हूं*
*अपने क्षेत्र में ही रहता, छह की संख्या को पाता हूं ❓*

*🅰 कालचक्र*

*🏮13) संग्रहित तुम्हारे ही रंगों को , भावी जन्म में भरता❓*

*🅰 नामकर्म*

*🏮14)चाहे दिन हो या रात हो ,सदा रहता मैं साथ*
*जीवो की जयणा करता, साधु के आता काम मैं❓*

*🅰 रजोहरण*

*🏮15) नदी है पर पानी नही, रास्ता है पर प्राणी नही ,*
*नगर है पर मानव नही , वृक्ष है पर छाया नही❓*

*🅰 नक्शा*

*🏮16) भगवान की श्राविका थी मैं, मृगावती ने नंनद बनाया*
*जीव सोए या जागते रहे, भावी जनो को ज्ञान कराया❓*
                                              
*🅰 जयंती श्राविका*

*🏮17)पेड़ पर लगे नहीँ ,*
*खेत मे उगे नहीँ।*
*फल कोई कहे नहीँ ,*
*अन्न भी है नहीँ ॥ ❓*

*🅰 नमक*

*🏮18) तीन सौ त्रेसठ मत को चलाया, वीर प्रभु का जीव कहाया*
*आदिनाथके समय में आवे, तीर्थंकर की पदवी पावे ❓*

*🅰 मरीचि*

*🏮19)बड़ी मस्त है चाल वो चलता*
*कान है देखो जिसका हिलता।*
*चिन्ह कौन सा वह कहलाता*
*तीर्थंकर की याद दिलाता ❓*

*🅰 श्री अजितनाथ भगवान् जी का हाथी*

*🏮20) खड़ा हुआ था तुम्हारे लिए*
*जब दिखे तत्पर शरण आने को।*
*पेट तुम्हारा तृप्त किया* 
*लगे जब भूख मिटाने को।*
*बिन मेरे बदसूरत संसार*
*है करोड़ों नस्ल का मेरा परिवार ❓*

*🅰 वृक्ष / पेड़*

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