प्र.१. संवर का लक्षण क्या है ?
उत्तर— ‘‘आस्रव निरोधः संवर:’’ आस्रव का निरोध करना संवर है।
प्र.२. संवर के कितने भेद हैं ?
उत्तर— संवर के २ भेद हैं :- (१) द्रव्य संवर (२) भाव संवर।
प्र.३. संवर के हेतु कौन से हैं ?
उत्तर— ‘‘स गुप्ति समिति धर्मानुप्रेक्षापरीषहजय चारित्रै:।’’ संवर गुप्ति, समिति, धर्म, अनुप्रेक्षा, परीषह जय और चारित्र से होता है।
प्र.४. गुप्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर— जिसके बल से संसार के कारणों से आत्मा की रक्षा होती है वह गुप्ति है।
प्र.५. समिति किसे कहते हैं ?
उत्तर— प्राणीपीड़ा परिहार के लिये भले प्रकार आना-जाना, उठाना- धरना, ग्रहण करना व मोचन करना समिति है।
प्र.६. धर्म किसे कहते हैं ?
उत्तर— जो इष्ट स्थान में धारण करता है वह धर्म है ।
प्र.७. अनुप्रेक्षा क्या है ?
उत्तर— शरीर आदि के स्वभाव का बार-बार चिंतन करना अनुप्रेक्षा है।
प्र.८. परीषह जय का लक्ष्ण बताईये।
उत्तर— क्षुधादि वेदना होने पर कर्मों की निर्जरा करने के लिये उसे सह लेना परीषह जय है।
प्र.९. चारित्र का लक्षण क्या है ?
उत्तर— कर्मों के आस्रव में कारणभूत बाह्य और आभ्यंतर क्रियाओं के त्याग करने को चारित्र कहते हैं।
प्र.१०. संवर और निर्जरा का हेतु क्या है ?
उत्तर— ‘‘तपसा निर्जरा च’’ तप से संवर और निर्जरा होती है।
प्र.११. गुप्ति का स्वरूप बताईये।
उत्तर— ‘‘सम्यग्योग निग्रहो गुप्ति:।’’ योगों का सम्यक् प्रकार से निग्रह करना गुप्ति है।
प्र.१२. योग क्या है ?
उत्तर— मन, वचन, काय की क्रिया को योग कहते हैं।
प्र.१३. निग्रह किसे कहते हैं ?
उत्तर— योगों की स्वच्छंद प्रवृत्ति को रोकना निग्रह है।
प्र.१४. गुप्ति के कितने भेद हैं ?
उत्तर— गुप्ति के ३ भेद हैं- (१) मनगुप्ति (२) वचन गुप्ति (३)कायगुप्ति।
प्र.१५. समितियाँ कितनी होती हैं ?
उत्तर— ‘‘ईर्याभाषैषणादाननिक्षेपोत्सर्गा:समितय: ’’ (१) ईर्यासमिति, (२) भाषासमिति,(३) एषणा समिति (४) आदान निक्षेपणसमिति (५) उत्सर्ग समिति। ये ५ समितियां हैं।
प्र.१६. ईर्या समिति क्या है ?
उत्तर— ‘‘मुनियों द्वारा दया युक्त भाव से चार हाथ आगे पृथ्वी को देखकर चलना सम्यक् ईर्यासमिति है।
प्र.१७. भाषा समिति क्या है ?
उत्तर— हित- मित और प्रिय वचन बोलना भाषा समिति है।
प्र.१८. एषणा समिति क्या है ?
उत्तर— छियालिस दोषों से रहित श्रावक के द्वारा बनाये गये भोजन को योग्य काल में ग्रहण करना एषणा समिति है।
प्र.१९. आदान—निक्षेपण समिति क्या है ?
उत्तर— संयम के उपकरणों को ध्यान पूर्वक सावधानी से रखना एवम् ग्रहण करना आदान— निक्षेपण समिति है।
प्र.२०. उत्सर्ग समिति क्या है ?
उत्तर— जीवरहित स्थान में मल — मूत्र का त्याग करना उत्सर्ग समिति है।
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