1️⃣वस्तु स्वरूप को साकार रूप में प्रस्तुत करने वाला ये कौन सा अतिशय है
🅰️साकारत्व
2️⃣किसके कारण श्रोताओं में हर्ष रूप विस्मय बने रहता हैं।
🅰️अद्भूत अर्थ अश्रुत (पहले नहीं सुना हुआ)होने के कारण
3️⃣प्रभु कौन रीति से वचन बोलते हैं।
🅰️मध्यम रिति से
4️⃣किसको पढ़कर भाषा की शुद्धता का ख्याल अवश्य रखना चाहिए।
🅰️व्याकरण
5️⃣श्रोता ऐसे प्रभावित होते हैं और वह क्या बोल उठते हैं
🅰️अहा धन्य है प्रभु के उपदेश देने की शक्ति धन्य है प्रभु की भाषण शैली
6️⃣विप्रर्यास का अर्थ
🅰️प्रतिकूलता,विपरितता
7️⃣भगवान धर्म कथा करते-करते बीच में क्या नहीं लेते
🅰️विश्राम
8️⃣वचनों में विशेषता होने से श्रोताओं को क्या प्राप्त होती हैं।
🅰️विशिष्ट बुद्धि
9️⃣कौन सीवाणी द्वारा किया हुआ हितकारी कथन भी श्रोता के ह्रदय पर पर्याप्त प्रभाव नहीं डाल सकता
🅰️अशुद्ध वाणी द्वारा
1️⃣0️⃣उत्पादिता विच्छिन्न कुतूहल* का अर्थ क्या हैै
🅰️श्रोताओं के हृदय मे वक्ता विषयक निरंतर आश्चर्य बने रहना
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