Jain Question Answer

1️स्याद्वाद का मूल उत्स क्या है।

🅰तीर्थंकरों की वाणी

 

2️जिसे हम रोज प्रयोग करते

वह -----,-----––,--------,हमें समझने के लिये इतना कठिन है ।

🅰नय,स्यादवाद,अनेकांतवाद

 

 3️एक दृष्टि से हाथीकी सूंड किस जैसी है।

🅰रस्सी जैसी

 

4️स्यात् अस्ति च अवक्तव्यम् कौन कौन सेभंग को जोड़ने से प्राप्त होता है।

🅰तिसरे व चौथे

 

5️स्याद्वाद जितना दार्शनिक है, उतना ही क्या है

🅰व्यावहारिक

 

6️अच्छी हालत है ये कौनसा भंग है

🅰अस्ति

 

7️किन्तु किस की दृष्टि से यह सबको मान्य हो सकता है। 

🅰तत्व निरुपण

 

8️हम जो भी बातचीत करते है वह किस से निहित ही होती है 

🅰कोई भी भंग से निहित

 

9️परन्तु इतनी अच्छी नहीं है कि आशा रखी जा सके

इसमें कौन 2 से भंग है।

🅰अस्ति, नास्ति

 

1️0️स्यादन्नास्ति अवक्तव्य किसे कहते है

🅰वस्तु है भी नहीं भी ऊसे स्यादन्नास्ति अवक्तव्य कहते है

 


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