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*🙏गुरु वंदन कब करें❓ कब नहीं करें❓*
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*🙏अपने नगर में गुरु भगवंत विराजमान हो एवं वंदन नहीं करें, तो श्रावक को प्रायश्चित आता है।*
*🌟कृष्ण वासुदेव ने 18,000 साधुओं को वंदन करके चार नारकी का आयुष्य तोड़ा था।*
*🌟जैन शासन ने हरेक कार्य में औचित्य एवं विनय को स्थान दिया है।*
*🌟असमय में वंदन करने से धर्म में अंतराय, वंदन पर अलक्ष, क्रोध इत्यादि उत्पन्न होता है। इसलिए वंदन का अवसर जानकर ही वंदन करना चाहिए ।*
*✅🙏वंदन कब करें?*
*🙏1) गुरु महाराज शांत व अप्रत्त बैठे हो।*
*🙏2) आसन पर बैठे हो।*
*🙏3) छंदेण ईत्यादि कहने के लिए तैयार हो।*
*छंदेण अर्थात 'खामेमि' 'देव- गुरुपसाय' इस प्रकार प्रश्न का उत्तर देने को तैयार हो, तब अनुज्ञा- अनुमति लेकर वंदन करना चाहिए।*
❌ *🙏वंदन कब नहीं करना?*
*🙏1) वंदनीय आचार्य आदि धर्म चिंता में हो।*
*🙏2) वंदन करने पर लक्ष न हो अथवा खड़े हो।*
*🙏3) वंदनीय प्रमाद में हो, क्रोध में हो या निद्रा में हो।*
*🙏4) आहार करने के लिए या वडीनीति /लघुनीति जाने की तैयारी में हो।*
*उपरोक्त समय में वंदन नहीं करना चाहिए।*
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*जैनम् जयति शासनम्*
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