*"सुरेश भाई चेन्नई"...*
वर्तमान समय में समग्र जिनशासन में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जो इस नाम से परिचित नहीं होंगे...!!!
*देव गुरू* और *माँ सरस्वती* की असिम कृपा से शब्द संवेदन और व्यक्तव्य की जो अद्भुत भेंट इनको प्राप्त हुई है, उस *GOD GIFT* का सही मायने में उपयोग करते हुए सुरेश भाई ने ज्ञात - अज्ञात रुप से कितने ही आत्माओं के मन, हृदय, जीवन जीने की दिशा और दशा को सन्मार्ग पर चलने के लिए एक नया आयाम दिया है..!!
फिर चाहे वो *विदाई समारोह* में संवेदना द्वारा कितने ही मुमुक्षुओं के भावों में और अभिव्रृद्धि की बात हो, या चाहे *तिर्थों की भावयात्रा* द्वारा कितने ही आत्माओं को तिर्थ यात्रा की ओर आकर्षित करने की बात हो, चाहे *मातृ पितृ वंदना* द्वारा आज की पीढ़ी को सही राह दिखाने की बात हो, या चाहे *शासन स्पर्श* द्वारा कितने ही आत्माओं के हृदय में शासन के प्रति राग बढ़ाने की बात हो..., अपने निस्वार्थ (Unprofessional) भाव से किए गए इस शासन सेवा का इन्हें और इनके परिवार को इतना जल्द और इतना अद्भुत परिणाम मिल रहा है, कि आज सुरेश भाई अपनी ही राजकुमारों जैसी दोनों संतानों को हमेशा के लिए शासन को समर्पित करने जा रहे हैं..!!!
अपने ही घर में से पहले अपने दोनों सग्गे भाईओं और एक बहन ने दिक्षा ली हुई है...!! *चेन्नई* में अपनी *सिद्धशला ज्वेलर्स* नाम की दुकान को हमेशा के लिए बंद करके परिवार का पालन पोषण हो सके, उतनी रकम की व्यवस्था करके इस आत्मा ने अपना जीवन *शासन को समर्पित* कर दिया, जिसमें इनकी धर्मपत्नी ने भी इनका साथ दिया...!!!
घर में *गृह जिनालय* निर्माण करवाया.., फिर तो इस परिवार का पुण्य मानों आसमान छु गया..!!! बच्चों में संयम के संस्कार और मजबूत बने, और जहाँ गुरु भगवंतों का संयोग आसानी से हो सके, इसलिए चेन्नई छोड़कर ऐसे क्षेत्र *अहमदाबाद* में हमेशा के लिए अपने प्रभुजी के साथ स्थानांतरित हो गये...!!!
और कुछ ही वर्षों में यह शुभ धन्य घडी इनके परिवार में आ गई कि कुछ ही अब महीनों में अपने *दोनों पुत्रों* को प्रभु वीर का मार्ग मिलने वाला है...!!!
*सुरेश भाई,* आखिर आपके *प्रार्थना के आँसू* प्रभु देख नहीं पाए..., अब आपकी *शुभ इच्छा* पुर्णता की ओर अग्रसर है...!!!
*"धन्य धन्य जिनशासन"...!!!*
*"धन्य धन्य रत्नकुक्षी माता पिता"...!!!*
*"धन्य धन्य बाल मुमुक्षु"...!!!*
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