राग: ओ करुणाना करनारा तारी
ओ तपस्याना करनारा,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ उग्र तप करनारा,
तारी शातानो सुमार नथी
ओ तपस्याना…
तमे तप कीधो मनोहारा,
दे शासनदेवी सहारा
ओ कर्म कठीन हरनारा,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ तपस्याना…
पू. आचार्य भगवंत पासे,
पच्चख्खाण कर्या उल्लासे
ओ अठ्ठाईना करनारा,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ तपस्याना…
तमे वश कीधा छे मनने,
अमे शाता पूछीए तमने
तपना आशीष दयो अमने,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ तपस्याना…
तप कीधा महावीरे,
साडी बार वरस सुधीरे
ओ विरना वारसदार,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ तपस्याना…
जे विरना वचनो झीले,
तेतो कर्म कठीनने पीवे
एतो जाशे मुक्ति मंझिले,
तारा तपना तेज नो पार नथी
ओ तपस्याना…
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