त्रण लोकने त्रण काळमां, उत्तम आ जिनशासन छे,
आ शासन ने मारा तमारा कोटि कोटि वंदन छे,
जिनशासन ने मारा तमारा कोटि कोटि वंदन छे…
तिर्थंकर नी भेट जे आपे, एवुं आ जिनशासन छे,
चतुर्विध संघ ने जन्म जे आपे, एवुं आ जिनशासन छे,
द्वादशांगि ना द्वार उतारे, एवुं आ जिनशासन छे,
आ शासन ने…
धन्ना ने आदिनाथ बनावे, एवुं आ जिनशासन छे,
मरीचि ने महावीर बनावे, एवुं आ जिनशासन छे,
इंद्रभूति ने गौतम बनावे, एवुं आ जिनशासन छे,
आ शासन ने…
मिथ्यातत्व ना मूळ उखाडे, एवुं आ जिनशासन छे,
सम्यक्त्व ना फूल उगाडे, एवुं आ जिनशासन छे,
जन्म मरण ना शुळ मटाडे, एवुं आ जिनशाशन छे,
आ शासन ने…
रत्नत्रयी ना रंग थी शोभे, एवुं आ जिनशासन छे,
तत्त्वत्रयी ना संग थी शोभे, एवुं आ जिनशासन छे,
आगम केरा अंग थी शोभे, एवुं आ जिनशासन छे,
आ शासन ने…
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें