Aapo Muhurtam Diksha Muhurat Diksha Song दीक्षा मुहूर्त गीत

Aapo Muhurtam Diksha Muhurat Diksha Song 

(दीक्षा मुहूर्त गीत)

(रचना: मुनि श्री जिनागमरत्न विजय)


दीक्षा मांगु हुं गुरूवर आपथी

मुहूर्त आपो छूटु हुं संसारथी (२)

मंगलम्‌… मुहूर्तम्‌… आपो मुहूर्तम्‌… (२)


मिथ्यामति थकी भ्रमणा कीधी

गुरूए आवी मने समजण दीधी (२)

सम्यग्‌पाम्यो आजे हुं सत्संगथी… मुहूर्त आपो…

मंगलम्‌… मुहूर्तम्‌… आपो मुहूर्तम्‌… (२)


अंजली जळ जेवुं जीवन मारुं

आग जेवो संसारने धारुं (२)

करुं विनवणी हवे हुं आपथी… मुहूर्त आपो…

मंगलम्‌… मुहूर्तम्‌… आपो मुहूर्तम्‌… (२)


वर्षो विति गया रजोहरण विना

हवे रहेवाय ना तुज साथ विना

तडप्यो घणो हुं भटक्यो परमार्थथी… मुहूर्त आपो…

मंगलम्‌… मुहूर्तम्‌… आपो मुहूर्तम्‌… (२)


मधुक२ गुणोनुं पान करुं

जिनागम आराधी हुं ध्यान धरुं (२)

प्रभु वेष आपो मुजने उल्लासथी… मुहूर्त आपो (२)

संयम मांगु हुं गुरुव२ आपथी…

मुहूर्त आपो छूटुं हुं संसारथी

मंगलम्‌… मुहूर्तम्‌… आपो मुहूर्तम्‌… (२)

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