💎आगम प्रश्नोतर माला 💎
1 जैन धर्म का महामंत्र कौन सा है ?
नवकार मंत्र
2 नमस्कार मंत्र कब से प्रारंभ हुआ ?
अनादिकाल से।
3 नमस्कार मंत्र मे किसे नमस्कार किया है ?
पाँच पदो को।
4 चौदह पूवोॅ का सार किसमे है?
नवकार मंत्र मे।
5 सभी मंगलो मे प्रथम मंगल कौन सा है ?
नवकार मंत्र ।
6 मंगल किसे कहते है ?
जो पापो को नष्ट करे ।
7 सामायिक सूत्र का प्रथम पाठ कौन सा है ?
नवकार मंत्र ।
8 नवकार मंत्र क्या करता है ?
सभी पापों का नाश करता है।
9 नवकार मंत्र मे कितने अक्षर होते है ?
68 (अड़सठ )
10 नवकार मंत्र के पाँचो पदो मे कितने अक्षर होते है?
35 ( पैंतीस )
11 नवकार मंत्र किन किन शास्त्रों से लिया गया है ?
1)भगवती सूत्र 2) कल्पसूत्र 3) आवश्यक सूत्र 4) चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्र 5) सूयॆप्रज्ञप्ति सूत्र 6) जंबुदीपप्रज्ञप्ति सूत्र ।
12 नमस्कार मंत्र शाश्वत है या अशाश्वत है ?
शाश्वत।
13 णमो का अथॆ क्या है ?
नमस्कार ।
14 नमस्कार किसलिये किया जाता है ?
अंहकार हटाने के लिए।
15 नमन कितने योगों से होता है?
तीन योगों से ।
16 नमस्कार मंत्र मे कितने पद चश्मा लगा सकते हैं ?
तीन आचार्य ,उपाध्याय, साधु ।
17 नमस्कार मंत्र मे कितने पद के संहनन संस्थान होते है?
चार अरिहंत ,आचायॅ , उपाध्याय,साधु ।
18 नमस्कार मंत्र मे तीन योगों का सम्मिलन किस प्रकार होता हैं ?
काया से झुकना , वचन से नमस्कार बोलना,
मन से अभिमान हटाना ।
19 नमस्कार करने से क्या लाभ होता है ?
1 पुण्य का बंध होता है,
2 अशुभ कमॅ की निजॅरा होती है,
3 गुणग्राहकता बढ़ती है,
4 मोक्ष प्राप्त होता है,
5 विनम्रता आती है ,
6 नीच गोत्र का क्षय होता हैं .
20 नवकार मंत्र मे कितने पद होते है?
पाँच पद।
21नमस्कार मंत्र मे कितने पद सम्यगदृष्टि है ?
पाँचों पद
22 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सवेदी है ?
तीन पद - आचायॅ ,उपाध्याय,साधु।
23नमस्कार मंत्र मे कितने अवेदी है?
दो पद - अरिहंत,सिध्द।
24नमस्कार मंत्र मे कितने पद संज्ञी है?
चार पद - अरिहंत,आचायॅ,उपाध्याय,साधु।
25नमस्कार मंत्र मे कितने पद समुदगात करते है?
चार पद - अरिहंत,आचायॅ,उपाध्याय,साधु।
26नमस्कार मंत्र मे कितने पद समुदगात नहीं करते है?
एक पद-सिध्द।
27 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सइन्द्रिय है?
तीन पद-आचायॅ,उपाध्याय,साधु।
28नमस्कार मंत्र मे कितने पद अनिन्द्रिय है?
दो पद-अरिहंत ,सिध्द।
29 अरिहंतो को अनिन्द्रिय किस अपेक्षा से कहा गया है?
अरिहंतो को अनिन्द्रिय इसलिए कहा गया है कि वे अपनी इंद्रियों का उपयोग स्वयं के लिये नहीं करते हैं ।
30 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सयोगी है?
चार पद-अरिहंत ,आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
31 नमस्कार मंत्र मे कितने पद अयोगी हैं ?
एक पद-सिध्द
32 नमस्कार मंत्र मे कितने पद को परिषह नही आते ?
एक पद - सिध्द
33 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सकषायी हैं ?
तीन पद- ,आचार्य उपाध्याय,साधु।
34 नमस्कार मंत्र मे कितने पद अकषायी हैं ?
दो पद-अरिहंत ,सिध्द।
35 नमस्कार मंत्र मे कितने पद कमोॅ की निजॅरा करते हैं ?
चार पद-अरिहंत , ,आचार्य उपाध्याय,साधु।
36 नमस्कार मंत्र मे कितने पद कमोॅ की उदीरणा करते हैं ?
चार पद-अरिहंत,आचार्य
उपाध्याय,साधु।
37 नमस्कार मंत्र मे कितने पदमें
आठों ही कमोॅ की सत्ता होती हैं ?
तीन पद- ,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
38 नमस्कार मंत्र मे कितने पद में उपशम समकित पायी जा सकती हैं ?
तीन पद-आचायॅ,उपाध्याय,साधु।
39 नमस्कार मंत्र मे कितने पद स्वप्न देखते हैं ?
तीन पद- आचार्य ,उपाध्याय ,साधु।
40 नमस्कार मंत्र मे कितने पद निद्रा विजयी हैं ?
दो पद - अरिहंत ,सिध्द ।
41 नमस्कार मंत्र मे कितने पद ईर्यासमिति का पालन करते हैं ?
अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय, साधु।
42 नमस्कार मंत्र मे कितने पद पुस्तक पढ़ते हैं ?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय, साधु ।
43 नमस्कार मंत्र मे कितने पद प्रतिक्रमण करते हैं ?
तीन - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
44 नमस्कार मंत्र मे कितने पद शाश्वत हैं ?
पाँच पद-अरिहंत ,सिध्द,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
45 नमस्कार मंत्र मे कितने पद अशरीरी हैं ?
एक पद-सिध्द भगवान।
46 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सम्पूर्ण जीवराशी को प्रत्यक्ष देखते हैं ?
दो पद - अरिहंत ,सिध्द।
47 नमस्कार मंत्र मे कितने पद अकर्मा हैं ?
एक पद-सिध्द भगवान।
48नमस्कार मंत्र मे कितने पद मरते हैं ?
चार पद -अरिहंत, ,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
49 नमस्कार मंत्र मे कितने पद उपदेश देते हैं ?
चारपद -
अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
50 नमस्कार पद मे कितने पद दीक्षा देते हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
51 नमस्कार मंत्र मे कितने पद के कर्म बंधते हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
52 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सदेही हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
53 नमस्कार मंत्र मे कितने पद के आँखें होती हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
54 नमस्कार मंत्र मे कितने पद बोलते हैं ?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
55नमस्कार मंत्र मे कितने पद के कर्मो का उदय होता है?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
56नमस्कार मंत्र मे कितने पद उपदेश नहीं देते?
एक पद - सिद्ध भगवान।
57 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे दो ध्यान पाए जाते है?
तीन पद-आचार्य,उपाध्याय,साधु।
58 नमस्कार मंत्र मे कितने पद आहार नही करते हैं ?
एक पद - सिद्ध भगवान।
59 नवकार मंत्र मे कितने पद मे छहों लेश्या पायी जाती हैं ?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
60 नमस्कार मंत्र मे कितने पद में शुक्ल लेश्या पायी जाती हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
61 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे लेश्या नही पायी जाती है ?
एक पद - सिद्ध भगवान ।
62 नमस्कार मंत्र मे कितने पद सामायिक चारित्र पाया जाता हैं ?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
63 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे दो चारित्र पाये जाते हैं ?
तीन पद- आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
64 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले जीव अंनत हैं ?
एक पद - सिद्ध भगवान।
65 नमस्कार मंत्र में कितने पद वाले जीव एक ज्ञान वाले होते हैं ?
दो पद अरिहंत,सिध्द ।
66 नमस्कार मे कितने पद साधु प्राप्त कर सकता हैं ?
पाँचों पद।
67 नमस्कार मंत्र मे कितने पद महाविदेह में है?।
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
68 नमस्कार मंत्र मे कितने पद अभी भरत ऐरवत क्षेत्र में हैं ?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
69 नमस्कार मंत्र मे कितने पद देव के कहलाते हैं ?
दो पद-अरिहंत,सिध्द।
70 नमस्कार मंत्र मे कितने पद गुरु के कहलाते हैं ?
तीनपद- आचार्य,उपाध्याय,साधु।
71 नमस्कार मंत्र मे कितने पद देवाधिदेव के कहलाते हैं?
एक पद-अरिहंत ।
72 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले धर्मदेव कहलाते हैं?
तीनपद-आचार्य,उपाध्याय, साधु।
73 नमस्कार मंत्र मे कित�ने पद वाले असंसार समापन्नक कहलाते है?
एक पद-सिद्ध भगवान ।
74 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले संसार समापन्नक कहलाते हैं?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
75 पद किसे कहते हैं ?
योग्यता से मिले हुए पुज्य स्थान को पद कहते हैं ।
76 नमस्कार मंत्र के पाँचों पदों मे कितने गुण हैं ?
एक सौ आठ गुण।
77 नमस्कार मंत्र से कौन से तिर्यच दम्पति तिरे ?
नाग-नागिन(धरणेन्द्-पदमावती)
78 नमस्कार मंत्र स्मरण से शुली का सिंहासन किसके बना ?
सुदर्शन सेठ।
79 नमस्कार मंत्र के प्रभाव से कौन से चोर ने विद्या सिद्ध की ?
अंजन चोर
80 नमस्कार मंत्र श्रद्धा पूर्वक
स्मरण से सर्प का पुष्पहार किसने बनाया ?
सती श्रीमती (सोमा सती)
81 नवपद आराधना मे कुष्ट रोग किसका दूर हुआ ?
राजा श्रीपाल ।
82 नवपद आराधना मे खोया हुआ राज्य किसने पाया?
राजा श्रीपाल।
83 पाँच पद मे 'ण''अक्षर कितनी बार आया हैं ?
10 बार
84 नमस्कार पद मे कितने पद मे संस्थान नही होता है?
एक पद - सिद्ध भगवान
85 नमस्कार पद मे कितने पद की शरीर अवगाहना होती है?
चार पद- अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
86 नमस्कार पद मे कितने पद सरागी होते है?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
86 नमस्कार पद मे कितने पद वाले चलते है?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
87 नमस्कार मंत्र मे कितने पद द्रव्य और भाव प्राण वाले होते है?
चार पद-अरिहंत ,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
88 नमस्कार मंत्रमे पद केवल भाव प्राण वाले होते है?
एक पद सिद्ध भगवान।
89 नमस्कार मंत्र मे कितने पद ऊध्वलोक में रहते है?
एक पद-सिध्द भगवान।
90 नमस्कार पद मे कितने पद वाले अधोलोक मे पाये जा सकते है?
चार पद
91 नमस्कार मंत्र मे कितने पद लोक मे रहते है?
पाँचो पद
92 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मध्य (तिरछा)लोक मे रहते है?
चार पद
93 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मुख्य रूप से साध्वी पा सकती है?
तीन पद अरिहंत ,सिद्ध ,साध्वी पद(5वां)
94 नमस्कार पद मे कितने पद वाले नया ज्ञान सीखते है?
तीन पद आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
95 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वालो के 34 अतिशय होते है?
एक पद - अरिहंत ।
96 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले क्षीण मोही है?
दो पद अरिहंत ,सिद्ध।
97 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले छद्मस्थ है?
तीन पद आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
98 नमस्कार मंत्र मे कितने पद श्वासोश्वास लेते है?
चार पद अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय ,साधु।
99 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वालों के कार्मण शरीर होता हैं ?
चार पद - अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
100 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले घातीकर्मो से युक्त हैं?
तीन पद- आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
101 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वालों को प्रश्न उत्पन होते हैं ?
तीन पद - आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
102 नमस्कार मंत्र को मंत्र क्यों कहा गया है?
अक्षर कम एंव भाव अधिक होने से मंत्र कहा गया है....
103 नमस्कार मंत्र के रचियता कौन है?
अनादिकाल से शाश्वत होने के कारण नवीन रचयिता नही होते हैं.....
104 नमस्कार मंत्र के पांचो पद शाश्वत हैं या अशाश्वत हैं ?
चार पद शाश्वत भी है और अशाश्वत भी है।सिद्ध भगवान शाश्वत हैं
105 चार पद शाश्वत किस अपेक्षा से हैं?
5 महाविदेह क्षेत्रों की अपेक्षा से सदाकाल शाश्वत हैं ।
106 चार पद अशाश्वत किस अपेक्षा से हैं ?
5 भरत 5 ऐरावत क्षेत्रों की अपेक्षा 3- 4-5 आरे में ही पाये जाने से
शेष समय में अशाश्वत हैं...
107नमस्कार मंत्र के कौन से पद में गुरु अपने शिष्य को नमस्कार करते हैं ?
णमो लोए सव्व साहूणं /पांचवे पद के उच्चारण में।
108नमस्कार मंत्र मे णमो शब्द कितनी बार आया हैं ?
6बार
109नमस्कार मंत्र मे 'ण'अक्षर कितनी बार प्रयुक्त हुआ हैं ?
14बार
110 'णमो लोए सव्व साहूणं'को मूल शब्द क्यो कहा गया है?
क्योंकि इसी पद से बाकी पद प्राप्त हो सकते हैं....
111नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे नियमा क्षायिक समयक्तवी ही होते हैं?
दो पद में -अरिहंत,सिद्ध।
112 नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे क्षायोपशमिक समयक्तव पायी जाती हैं ?
तीन पद -आचार्य,उपाध्याय,साधु।
113नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे क्षायिक भाव होता है?
पाँच पदो मे।
114नमस्कार मंत्र मे कितने पद सुक्ष्म जीवों को जानते हैं ?
दो पद - अरिहंत ,सिद्ध।
115नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे चारों संज्ञा है?
तीन पद - आचार्य, उपाध्याय,साधु।
116नमस्कार मंत्र मे कितने पद
मे चारो संज्ञा नहीं है?
दो पद - अरिहंत,सिद्ध।
117पाँच पद मे 'ण'अक्षर कितनी बार आया है?
10बार
118नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले आहार नही करते हैं?
एक पद सिद्ध ।
119नमस्कार मंत्र मे कितने पद मे दो चारित्र पाये जाते हैं ?
तीन पद आचार्य ,उपाध्याय,साधु।
120नमस्कार मंत्र मे कितने पद के त्रसकाय होती है?
चारपद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
121नमस्कार मंत्र मे कितने पद अकायिक होते हैं ?
एक पद -सिद्ध।
122नमस्कार मंत्र मे कितने पद जंगम काय कहलाते है?
चार पद-अरिहंत,सिद्ध,आचार्य,उपाध्याय।
123 नमस्कार मंत्र मे कितने पद निद्रा लेते हैं ?
तीन पद- आचार्य,उपाध्याय,साधु।
124 नमस्कार मंत्र मे कितने पद विहार करते है?
चारपद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
125 नमस्कार मंत्र मे कितने पद आहार करते हैं ?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
126 नमस्कार मंत्र मे कितने पद परिषह सहते हैं ?
चार पद-अरिहंत,आचार्य,उपाध्याय,साधु।
127 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वीतरागी होते है?
दो पद-अरिहंत,सिद्ध।
128 नमस्कार मंत्र मे कितने पद वाले चौदह पुर्वो के ज्ञाता होते हैं ?
तीन पद - (श्रुतज्ञानी की अपेक्षा से।)आचार्य,उपाध्याय,साधु।
129 नमस्कार मंत्र मे कितने अलोक मे रहते हैं ?
एक भी नहीं ।
130 नमस्कार मंत्रस्मरण कर चलनी मे पानी किसने निकाला?
सती सुभद्रा।
131 नमस्कार मंत्र का प्रथम पद कौन सा है?
णमो अरिहंताण
132'णमोअरिहंताण' में किनको नमस्कार किया गया हैं में?
अरिहंत भगवान को।
133 अरिहन्त किसे कहते हैं ?
अरि=शत्रु,हन्त=नष्ट कर दिया ,जिन्होने राग - द्वेष रूपी शत्रुओ को नष्ट कर दिया,वे अरिहन्त कहलाते है।
134 अरिहन्त कब बनते हैं ?
घाति कर्म क्षय होने पर ।
135 घाति कर्म कितने है?
चार ।
136 चार घाति कर्म कौन से है?
1.ज्ञानावरणीय 2.दर्शनावरणीय,3 मोहनीय,4.अन्तरायकर्म।
137 चार घाति कर्मो मेंसे सबसे पहले कौनसा कर्म क्षय होता है?
मोहनीय कर्म।
138 चार घाति कर्मो के क्षय होने से कौन सा ज्ञान होता है?
केवलज्ञान ।
139अरिहन्त के पास दुनिया को देखने की दूरबीन कौनसी हैं ?
केवलदर्शन।
140 अरिहन्त भगवान के पास दुनिया को मापने का थर्मामीटर कौनसा है?
केवलज्ञान
141 कौन से ज्ञानवालों को प्रश्न उत्पन्न नही होता है?
केवलज्ञान।
142 अरिहन्त भगवान कितने दोष रहित होते हैं ?
अठारह दोष रहित होते हैं ।
143 अरिहन्त भगवान मे नहीं पाये जानेवाले 18दोष कौन से हैं ?
1.मिथ्यात्व 2.अज्ञान 3.मद 4. क्रोध 5.माया 6.लोभ 7.रति 8.अरति 9.निद्रा 10.शोक 11.अलीक 12.चौर्य 13.मत्सरता 14.भय 15.हिंसा 16.प्रेम 17.क्रीडा 18.हास्य ।
144 अरिहंत को देव क्यों कहा गया हैं ?
दिव्य गुणों से युक्त एंव दोषों से रहित होने के कारण ।
145 सम्यक्तव मे सबसे पहले स्थान किसका हैं ?
अरिहंत का ।
146 सामायिक लेते समय सबसे पहले क्या बोलते हैं ?
णमो अरिहंताणं।
147 तीर्थकर का दुसरा नाम क्या हैं ?
अरिहन्त।
148 सामान्य केवली किस पद मे आते हैं ?
दो मान्यता है , १ अरिहंत पद , २ साधु पद पाँच मे पद मे .
149 अरिहंत बनने के लिए सबसे पहले क्या बनते है?
निर्ग्रन्थ/साधु/श्रमण।
150 ध्यान पूरा होने पर हम सबसे पहले क्या बोलते है?
नमो अरिहंताणं
151 अरिहंत भगवान मे कितने उपयोग होते है?
दो।
152 अरिहंत भगवान मे कौन से दो उपयोग पाए जाते है?
1.केवलज्ञान 2.केवलदर्शन
153 अरिहंत भगवान क्या नही देखते हैं?
स्वप्न नही देखते ।
154 अरिहंत भगवान क्या नहीं देते?
अभवी जीव को दीक्षा नही देते।
155 अरिहंत भगवान क्या नही लेते ?
निद्रा नहीँ लेते ।
156 अरिहंत भगवान क्या नही करते ?
प्रमाद नही करते।
157अरिहंत भगवान कितने द्वीपों मे रहते हैं ?
अढ़ाई द्वीप में।
158 अरिहंत भगवान कितने क्षेत्रों मे रहते हैं ?
15 क्षेत्रों में रहते हैं ।
159 अरिहंत भगवान के कितने शरीर होते है?
(3) औदारिक,तैजस,कार्मण। ।
160 क्या अरिहंत भगवान बिमार हो सकते है?
हाँ हो सकते हैं ।
161अरिहंत भगवान किस कर्म के उदय से बिमार होते है?
वेदनीय कर्म के उदय से ।
162 रत्नों का पिटारा कौन है?
अरिहंत/आचार्य
163 24 दंड़को में सें अरिहंत भगवान मे कितने दंड़क पाए जाते हैं ?
एक ही दंड़क( संज्ञी(मनुष्य का)
164 अरिहंत भगवान प्रतिक्रमण करते है या नही ?
प्रतिक्रमण नही करते है।
165 अधोलोक में अरिहंत भगवान होते है या नही ?
होते हैं ।
168 अरिहंत भगवान में कितने गुण पाए जाते हैं?
बारह
169 अरिहंत भगवान का नाम व गौत्र क्या हैं?
नाम-जंगम काय, गौत्र-त्रस काय ।
170 अरिहंत भगवान में बारह गुण कौन से पाये जाते है?
1.अणासणे(अनाश्रव)
2.अममे(अममत्व)
3.अकिंचणे(अकिंचन)
4.छिन्नसोए (छिन्नशोक)
5.निरूवलेवे(निरूपलेप)
6.ववगय पेम राग दोस मोहे (व्यपगत प्रेम राग द्वेष मोह)
7.णिग्गथस्स पावयणं देसए (निर्ग्रन्थ प्रवचनके उपदेशक)
8.सत्थनायगे (सार्थ के नायक)
9.अणंतनाणी (अनंतज्ञानी)
10.अंणतदंसी (अनंतदर्शनी)
11.अणंतचरित्ते (अनंत चारित्री)
12.अंणत वीरिय संजुते(अनंत वीर्य पुरुषार्थ से युक्त )होते हैं।
171 अधोलोक मे अरिहंत कहा पाये जाते है?
जम्बुद्वीप के महाविदेह की 24 वीं सलिलावती एंव 25 वीं वप्रविजय में जो अधोलोक में 1000 योजन गहरी गई हुई है ।
172 तीर्थकर को देवाधिदेव क्यों कहाँ गया हैं ?
पारमार्थिक देवपना होने से सब सें अधिक श्रेष्ठ होने के लिए ,
एेसे केवलज्ञान,केवलदर्शन के धारण करने वाले तीर्थकर भगवान को देवाधिदेव कहा गया हैं ।(भगवती सूत्र शतक 12 उद्देशक 9)
173 तीर्थकर भगवान के जन्म से कितने अतिशय होते है?
चार
174 ज्ञानावरणीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
केवलज्ञान की प्राप्ति होती हैं ।
175 दर्शनावरणीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
केवल दर्शन ।
176 दर्शन मोहनीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
क्षायिक समयक्तव ।
177 चारित्र मोहनीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
यथाख्यात चारित्र।
178 अन्तराय कर्म के क्षय से किस गुणो की प्राप्ति होती है?
पाँच गुणों की ।
179 तीर्थकर भगवान के देवकृत कितने अतिशय होते है?
पन्द्रह
180 तीर्थकर भगवान के केवलज्ञान कृत कितने अतिशय होते है?
पन्द्रह
181 तीर्थकर कितनी गति से अाकर उत्पन्न हो सकते हैं ?
दो गति - देव गति एंव नरक गति।
182 पहले पद मे कितने अक्षर होते हैं?
सात अक्षर ।
183 तीर्थकर कितने देवलोको से अाकर उत्पन्न होते है?
35 स्थानो से (12देवलोक 9लोकान्तिक,9ग्रैवेयक,5अनुत्तर विमान = 12+9+9+5=35
184 जम्बुद्वीप में एक साथ एक समय में कम से कम कितने तीर्थकरो का जन्म हो सकता है?
दो (भरत - एरावत क्षेत्रापेक्षया)।
185 जम्बुद्वीप मे एक साथ एक समय में कम से कम कितने तीर्थंकरो का जन्म हो सकता हैं ?
चार (महाविदेह क्षेत्र की अपेक्षा से)।
186जबुद्वीप मे ज्यादा से ज्यादा कितने तीर्थकर विचरण कर सकते हैं ?
34 (32 विजयो में+1भरत में +एेरावत क्षेत्र में)।
187 अढ़ाई द्वीप में कम से कम कितने तीर्थंकर होते है?
20 तीर्थंकर ।
188 अढाई द्वीप में ज्यादा से ज्यादा कितने तीर्थंकर होते हैं ?
170
189 तीर्थकर भगवान के कितने अतिशय होते हैं ?
चौंतीस (34)।
190 अन्तराय कर्म के क्षय से कौन से गुण की प्राप्ति होती है?
अनंत दान लब्धि,अनंत लाभ ,अनंत भोग,अनंत उपभोग ,अनंतवीर्य लब्धि गुण प्राप्त होते है।
191 तीर्थकर अरिहंत क्या कहकर संयम ग्रहण करते है?
णमो सिद्धाणं।
192 अरिहंत भगवान के अन्य कौनकौन से नाम है?
जिन,वीतरागी,तीर्थकर,केवलज्ञानी,सर्वज्ञ,सर्वदर्शी,भगवान,परमात्मा,परमेश्वर,अर्हन्त,केवली।
193 तीर्थकर भगवान का जन्म दिन मे होता है या रात्रि मे?
रात्रि में।
194 भरत-एेरवत क्षेत्र में तीर्थकर भगवान का जन्म किस किस आरे मे होता हैं?
तीसरे-चौथे आरे में।
195 रात्रि के किस समय मे होता हैं ?
मध्य रात्रि में।
196 एक अवसर्पिणी काल में कितने तीर्थकर होते हैं ?
24 (चौबीस)।
197 एक उत्सर्पिणी काल मे कितने तीर्थंकर होते हैं ?
24(चौबीस)
198 एक काल चक्र मे कितने तीर्थकर होते है?
48
199 एक पुदगल परावर्तन काल मे कितनी चौबिसियां होती हैं ?
अनन्त।
200 प्रत्येक तीर्थकर के कितने कल्याणक होते हैं ?
पाँच ।
201 इस चौबीसी में कितने कल्याणक हुये हैं?
121कल्याणक हुये । (भगवान महावीर के ६ कल्याणक
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