Simandhar Swami Arihant Gyani Jain Stavan Lyrics

सीमंधर स्वामी अरिहंत ज्ञानी

आपकी शरण मे हम आ रहे है

भरतक्षेत्र से जानी,महाविदेह भूमि

आपकी शरण मे हम आ रहे है…

आपकी शरण मे हम आ रहे है…


देखेंगे चौथा आरा हम

होंगे साक्षात जिन दर्शन

चौतीस अतिशय,निहारेंगे हम भी

500 धनुष ऊंचा कद

अष्ठ प्रतिहार्य भी गजब

भक्ति देवों की जानेंगे हम भी

त्रिभुवन ज्ञानी,जगत के स्वामी

आपकी शरण मे हम आ रहे है… १


समवसरण में बैठेंगे,

चौमुखी वाणी सुन लेंगे

समकित अमृत पियेंगे हम भी

होंगे गणधरों के दर्शन,

12 पर्षदाओ के संग

आत्म स्तिथि अपनी परखेंगे हम भी

सुधारस वाणी,सुने सभी प्राणी

आपकी शरण मे हम आ रहे है… २


प्रभु वाणी श्रवण करके हम

प्रभु के श्रमण बनके हम

गुणस्थानों की सीढ़ियां चढ़ेंगे

महाव्रतों का पालन करके

निकाचित कर्म क्षय करके

प्रभु किरपा से केवली बनेंगे

दस लाख केवली, अरब साधु साध्वी

आपकी शरण मे हम आ रहे है… ३


अब हमने ये ठाना है

हमे महाविदेह आना है

अंतर की अर्जी प्रभु सुन लेना

गुरु राजेन्द्र सूरी सूखकर

जयंत सेन सूरी मधुकर

चारित्र रत्न प्रदीप को देना

मुक्ति के स्वामी,करुणा के दानी

आपकी शरण मे हम आ रहे है… ४

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