Shree Gautam Swami No Chhand

Shree Gautam Swami No Chhand

वीर जिनेश्वर केरो शिष्य,

गौतम नाम जपो निशदिन;

जो कीजे गौतम नुं ध्यान,

तो घर विलसे नवे निधान… १

वीर जिनेश्वर…


गौतम नामे गिरिवर चढे,

मन वांछित हेला संपजे;

गौतम नामे नावे रोग,

गौतम नामे सर्व संयोग… २

वीर जिनेश्वर…


जे वैरी वीरूआ वंकडा,

तस नामे नावे ढुंकडा;

भूत प्रेत नवी मंडे प्राण,

ते गौतम ना करुं वखाण… 3

वीर जिनेश्वर…


गौतम नामे निर्मळ काय,

गौतम नामे वाधे आय;

गौतम जिन शाशन शणगार,

गौतम नामे जयजयकार… ४

वीर जिनेश्वर…


शाळ दाळ सुरहा घृत गोल,

मनवांछित कापड तंबोल;

घरसुघरनी निर्मळ चित्त,

गौतम नाम पुत्र विनीत… ५

वीर जिनेश्वर…


गौतम उदयो अविचल भाण,

गौतम नाम जपो जग जाण;

मोटा मंदिर मेरु समान,

गौतम नामे सफळ विहाण… ६

वीर जिनेश्वर…


घर मयगल घोडा नी जोड,

वारूं पहोचे वांछित कोड;

महीयल मने मोटा राय,

जो तुठे गौतम ना पाय… ७

वीर जिनेश्वर…


गौतम प्रणम्यां पातक टळे,

उत्तम नर नी संगत मळे;

गौतम नामे निर्मळ ज्ञान,

गौतम नामे सफळ वाधे वान… ८

वीर जिनेश्वर…


पुण्य वंत अवधारो सहु,

गुरू गौतम ना गुण छे बहु;

कहे लावण्य समय करजोड,

गौतम त्रुठे संपत्ति क्रोड… ९

वीर जिनेश्वर…

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