Tari Abhishek Dhara Lyrics Jian Stavan तारी अभिषेक धारा

Tari Abhishek Dhara Lyrics Jian Stavan 

( राग : रमैया वता वैया . . )
तारी अभिषेक धारा , तारी अभिषेक धारा , 
जोइ दुःख जाये अमारा , जोइ दुःख जाये अमारा . . . 

सोनाना कळशो भराय , हांडा कुंभो भराय , 
क्षीरनीर नां जाणे सागर लहेराय ( 2 ) , 
केवी धारा वरसे , जोवा हैया तलसे , 
ओ धारा झीलसे नककी भव ओ तरसे ( 2 ) , 
सागरीया ओछा पडे , भक्तिनी जोड ना जडे , 
आदेश्वर छे अमारा , आदेश्वर छे अमारा . . . 1

चोसठ इन्द्रो आवे , इन्द्राणीओ आवे , 
बधा भक्ति मां भींजाय कोरा कोई ना रही जाय ( 2 ) , 
मळी आवे नरनार , आजे आनंद अपार , 
हैंयु थाये ऐकतार , जाणे मुक्ति नो अणसार ( 2 ) , 
प्रभु छे मोटी हस्ती , भक्तोनी जामे मस्ती , 
कर्मो गळी जाय पोबारा , कर्मो नासी जाय नठारा , 
तारी अभिषेक धारा . . . 2

टिप्पणियाँ