जखौ रत्नटुंक तीर्थ जैन तीर्थ : मूलनायक श्री महावीर स्वामी भगवान |
कच्छ - अबडासा की पंच तीर्थी में जखौ तीर्थ में गांव के बीच एक ही कोट में नौ जिनालय शत्रुंजय की टुंको की भाँती शोभयमान है। उसमें मुख्य जीवराज और भीमजी दो भाई ने पिता रतनशी की स्मृति में ' रत्नटूंक ' नाम का बीस शिखर कलश - ध्वज से अनुपम जिनालय बंधवाया था। उसमें श्वेत वर्ण का 84 से.मी. के श्री महावीर स्वामी संवत 1905 में महा सुद 5 के दिन बिराजमान किया था जिसकी पुनः प्रतिष्ठा 2028 में हुई है। सुविधिनाथ , आदिनाथ , जीरावला , चिंतामणी , गोड़ी पार्श्वनाथ , गौतम स्वामी , शांतिनाथ , चंद्रप्रभ स्वामी के जिनालयो में 2 स्फटिक और 1 सोने की, अष्ट धातु की सभी 209 प्रभुजी है। यह तीर्थ भूज से 108 कि. मी. है।
पता
जखौ रत्न टूंक जैन देरासर
जखौ
भुज,गुजरात 370640
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