मंगलं भगवान वीरो, मंगलं गौतमो गणी।
मंगलं कुन्दकुन्दाद्यो, जैन धर्मोस्तु मंगलं।।
।।गौतम स्वामी का परिचय।।
🍁 गौतम स्वामी भगवान महावीर के प्रथम गणधर थे।
🍁गौतम स्वामी का जन्म 'गोर्बर' नामक ग्राम में हुआ था ।
🍁 *गौतम स्वामी का जन्म ई.पूर्व 607 में हुआ था।
🍁गौतम स्वामी की माता का नाम 'पृथ्वी देवी' और पिता का नाम 'वसुभूति' था।
🍁 गौतम स्वामी का जन्म 'ब्राह्मण' जाती में हुआ था।।*
🍁.गौतम स्वामी का जन्म 'गौतम' गौत्र में हुआ था।।
🍁 गौतम स्वामी का दूसरा नाम 'इंद्र भूति' था।।*
🍁इंद्रो के द्वारा पूजारुपी विभूति को प्राप्त करने के कारण गोतमस्वामी का इंद्र भूति यह नाम सार्थक था
🍁 *गौतम का अर्थ होता हे भगवान की उत्कृष्ट वाणी और गौतम स्वामी भगवान की वाणी को झेलते/ ग्रहण करते थे।उस वाणी को द्वादशांग रूप रचते थे ,इसी कारण से उनका नाम गौतम स्वामी हुआ।
🍁गौतम स्वामी को तिर्थंकर महावीर के समवसरण में सर्वप्रथम ले जाने का श्रेय सौधर्म इंद्र को प्राप्त हुआ।।
🍁 *केवल ज्ञान हो जाने के पश्चात भी जब तिर्थंकर महावीर की दिव्य ध्वनि नहीं खीरी ,तब गणधर का अभाव जानकर सौधर्म इंद्र ने अवधि ज्ञान से इंद्रभूति ब्राह्मण में गणधर बनने की योग्यता देख कर गौतम स्वामी को तिर्थंकर महावीर के समवसरण में ले गए थे।
🍁गौतम स्वामी सौधर्म इंद्र के साथ शास्त्रार्थ करने के लिए तिर्थंकर महावीर के समवसरण में गए थे।।
🍁 गौतम स्वामी ने तिर्थंकर महावीर के साथ शास्त्रार्थ नहीं किया।
🍁तिर्थंकर महावीर के समवसरण में पहुचते ही मानस्तंभ को देखकर गौतम स्वामी का मान/अंहकार भंग हो गया था, इसी वजह से उन्होंने शास्त्रार्थ करने की बजाय
विनयवन्त हो जैनेश्वरी दीक्षा स्वीकार कर ली थी।
🍁 गौतम स्वामी ने सर्व प्रथम जैनेश्वरी दीक्षा को स्वीकार कर सर्व प्रथम 'जैनम जयन्तु शासनं' का उदघोष किया।
🍁गौतम स्वामी ने अपने 500 ब्राह्मण शिष्यो सहित दीक्षा ली थी और गणधर पद पर आसीन हुए थे।
🍁 गौतम स्वामी 50 वर्ष् की उम्र में गणधर बने थे।
🍁गौतम स्वामी 30 वर्षो तक गणधर के पद पर आसीन रहे। फिर केवल ज्ञानी हुए।
🍁 गौतम स्वामी को कार्तिक बदी अमावस्या दीपावली के दिन शाम के समय केवलज्ञान प्राप्त हुआ था।
🍁गौतम स्वामी 12 वर्षो तक केवलज्ञानी रहे।
🍁 गौतम स्वामी ने ई.पूर्व.515 में मोक्ष प्राप्त किया था।
🍁 गौतम स्वामी ने 92 वर्ष की उम्र में मोक्ष प्राप्त किया था।
🍁 गौतम स्वामी ने गुणावा से मोक्ष प्राप्त किया था।जैन समाज की ऐसी मान्यता हे ,परंतु उत्तरपुराण के अनुसार विपुलाचल पर्वत से मोक्ष प्राप्त किया था।
🍁गौतम स्वामी के मोक्ष चले जाने के पश्चात सुधर्म स्वामी को केवल ज्ञान प्राप्त हुआ🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
गुरु गौतम स्वामी ज्ञान के भंडार है
गुरु गौतम स्वामी लब्धि के भंडार है
गुरु गौतम स्वामी विनय के भंडार है
गुरु गौतम स्वामी के नाम से कोई भी कार्य की शुरुआत की जाये तो वो कार्य पूर्ण होता ही है।

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