Dhingadmal Parshwanath

Dhingadmal Parshwanath धींगडमल्ल पार्श्वनाथ
Dhingadmal parshwanath
dhingadmal parshwanath


आज के दर्शन औऱ इतिहास 108 पार्श्वनाथ भगवानके 22 वे  धींगडमल्ल पार्श्वनाथ जी की मूर्ति औऱ मंदिरका।

एक बार   प्राचीन इस तीर्थंकर धींगडमल्ल पार्श्वनाथ जी के दर्शन मात्र हेतु जरूर पधारे।और 108 पार्श्वनाथ की सृंखला बद्ध मंदिरों के दर्शन जरूर करे।

मुलनायक:  पद्मासन मुद्रा में भगवान धींगडमल्ल पार्श्वनाथ की काले रंग की मूर्ति की ऊंचाई लगभग 78 से.मी.है। धींगडमल्ल पार्श्वनाथ को श्यामला पार्श्वनाथ के नाम से जाना जाता है।

यह तीर्थस्थल पाटन में जोगीवाड़ा में है।

 यह एक बहुत प्राचीन मंदिर है जिसे विक्रम युग की 18 वीं शताब्दी से भी पुराना माना जाता है।
यह मनोरम, शानदार और सुंदर मूर्ति राजा संप्रति के काल की है।
18 वीं शताब्दी में कवि उदयरत्न द्वारा लिखित "श्री श्यामला पार्श्वनाथ स्तवन" जोगीवाड़ा के धींगडमल्ल पार्श्वनाथ की प्रशंसा करते हैं जो इस मूर्ति की प्राचीनता को दर्शाता है।

जैन और गैर जैन लोग पार्श्वनाथ की इस मूर्ति की पूजा बड़े विश्वास के साथ करते हैं।अपने दुखों का निवारण करने के लिए।

 यह एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है। पार्श्वनाथ भगवान के 10 भव और 5 कल्याणक मंदिर की दीवारों पर खूबसूरती से, कलात्मक रूप से चित्रित किए गए हैं। मंदिर में स्तंभों पर, सुंदर दर्पण का काम किया जाता है।

 मुंबई के सांताक्रूज ,औरजिरावाला तीर्थ में और कालिकुंड पार्श्वनाथ मंदिर में धींगडमल्ल पार्श्वनाथ की एक मूर्ति है।

यहाँ ठैरने की लिए ओर भोजन की उत्तम व्यवस्था है।

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