देराउर पार्श्वनाथ तीर्थ
मूलनायक : 161 इंची श्याम वर्णीय पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा विराजमान है ।
तीर्थ : यह तीर्थ जयपुर रेलवे स्टेशन से 13 km की दूरी पर जयपुर में है ।
ऐतिहासिकता : देराउर तीर्थ का निर्माण 25 वर्ष पुर्व जयपुर में प्रारम्भ हुआ । तीर्थ निर्माण के प्रारंभ से ही अनेक चमत्कारिक घटनाएं होने लगी । दादा जिन कुशल सूरी गुरुदेव का अग्निसंस्कार पाकिस्तान के देराउर में हुआ था जो विभाजन के बाद वही रह गया था । हजारो गुरुभक्त के मन में ठेस थी कि गुरुदेव के समाधि स्थल के दर्शन की परन्तु वह संभव नही था । पर गुरुदेव तो दया के सागर है सब भक्तो की मुराद पूरी हुई और अथक प्रयास से समाधि स्थल से मिट्टी लायी गयी । और उसी पावन मिट्टी से भूमि पूजन हुआ और बाकी की कलश में रख दी जो कि आज केसर में परिवर्तित हो गई ।
यहां आने से
1) तीनों चौबीसी की 72 प्रतिमाओं के दर्शन का लाभ मिलेगा।
2) विशाल पारणा मंदिर स्वर्ण कार्य में 181 इंची ऊंची आदिनाथ दादा की प्रतिमा जी ।
3)भक्ताम्बर मंदिर।
4) चौबीस जिनालय केवल्य मुद्रा में।
5) 108 तीर्थ का संशिप्त में इतिहास लाइट साउंड के साथ ।

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