ashapura parshwanath

 श्री आशापूरण पार्श्वनाथ - नून गाँव 

प्रथम नजर मे प्रतिमाजी के दर्शन....

ashapura parshwanath


श्वेत वर्ण के इस परमात्मा की सेवा करने से मिलता है अनुपम आनंद ! जो आप की अन्तर आत्मा को छु जाता है । पाषाण के यह प्रभुजी की पूजा से राग द्वेष और द्वंद्व का नाश होता है ।पद्मानस्थ यह वितराग परमात्मा की वंदना से रत्नत्रयी का अनुराग बज उठता है । नौ फणों सहित सतरह ईंच ऊँचे इस परमात्मा के नमन से अनंत चतुष्य के साम्राज्य की प्राप्ति होती है । नौ फणासहित सतरह ईंच ऊँचे जिनेश्वर के दर्शन मात्र से पंचमगति का सर्वोच्च पद की प्राप्ति होती है ।साढ़े बार ईंच चौडे नाथ की अर्चना से मिलता है कायषट्क की केद मे से मुक्ति । नौ फणों से सुशोभित अरिहंत की आराधना से भय की भुचाल रूक जाती है । आशापूरण पार्श्वनाथजी की उपासना कर्माष्टक का निषूदन करती है ।💚💜❤💛💜💚❤💜💛


अतीत की गहराइयों मे एक डूबकी.....

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राजस्थान के कितने ही वीरान गाँवों मे  अडीखम खड़े भव्य जिनालय स्मृति पटल से ओजल भव्य भूतकाल के करुण गीत सुना रहे है । 


राजस्थान स्थित नून गाँव भी भूतकाल में एक समृद्ध नगरी थी ।वर्तमान मे कितने ही टुटे फुटे मकानों के बीच मे अडिखम खड़े जैन मंदिर के सिवाय गाँव उज्जड लगता है । जैनो की बस्ती बिलकुल नही है । 

जिनालय अत्यंत प्राचीन है ।श्री संघ ने वि. सं. अग्यारसौ के आसपास मे इस जिनप्रासाद का निर्माण करवाया होगा ,❤💜💚💛❤💜💚❤💛💜💚


ऐसी मान्यता है । नगर की समृद्धि के समय मे इस मंदिर का जीर्णोद्धार होते रहे होंगे । यहाँ के प्राचीन जिनालय मे बिराजमान प्रभावक प्रभुजी के प्रभावों का अनुभव श्रद्धाळुओ को आज भी होता है । ❤💜💚💛❤💜


आशा के धागे पर वर्तमान युग का मनुष्य लटक रहा है , इसके तुटने से जीवन मे भुचाल आ जाते है जगत की पौद्गलिक चीजे मर्यादित है और मानव की आशाएँ असीम है । असीम की सीमा तक मर्यादित पुद्गल कैसे पहोंचे सकते है ? परंतु मानव की सभी आशाओं को अचूक पूरी करने की ताकात और सामर्थ्य त्रिलोकनाथ प्रभु पार्श्वनाथ परमात्मा की पूजा वंदना मे है । उसी कारण से प्रभु पार्श्वनाथ के कितने ही  नाम उनके इस अप्रतिम गुणों का संकेत करते है जैसे कि चिंतामणि , कल्पद्रुम , मनोवांछित , वांछितपूरण , सुखपूरण , सुखसंपत्ति , कामितपूरण जेसे अनेकों नामों की सूची मे “आशापूरण “नाम का भी समावेश होता है ।❤💛💜💚💜💛❤


नूनमंडन श्री पार्श्वनाथजी “आशापूरण“नाम से विश्व प्रसिद्ध है । संवत १६५५ मे श्री प्रेमविजयजी द्वारा रचित ३६५ श्री पार्श्वजिन नाममाला मे श्री आशापुरण पार्श्वनाथ का उल्लेख मिलता है।💚💛❤💜❤💛💚💜❤


           स्तुति

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आशारहित अवधूत समो तुं ते छतां आशा पुरे, उपसर्गने सहनार तुं पण छे छतां संकट चूरे, छे नून नगरे जगतजननी तुजमां नहि न्यूनता,श्री आशापुरण प्रभु पार्श्वने भावे करुं हुं वंदना


             जाप मंत्र 

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ॐ ह्रीं अर्हं श्री आशापुरण पार्श्वनाथाय नमः

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वर्तमान मे साबरमती अहमदाबाद के रामनगर के जिनालय के उपर की मंज़िल पर पंच धातु के मूलनायक श्री आशापुरण पार्श्वनाथ भगवान बिराजमान है । वडोदरा नगर के अकोटा जिनालय मे काउसग्ग मुद्रा मे पाषाण के श्री आशापुरण पार्श्वनाथ बिराजमान है । जामनगर के जोगवड मेघपुर मे मूलनायक स्वरूप श्री आशापुरण पार्श्वनाथ बिराजित है।💛💜💚❤💚💜❤💜


प्रभु के धाम की पहचान .....

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श्री आशापूरण पार्श्वनाथ नून तीर्थ पिंडवाडा रेलवे स्टेशन से छप्पन कि. मी. दूर है । जिनालय बहुत ही प्राचीन है । यहाँ जैनो  के एक भी घर नही होने से  नज़दीकी श्री कालंद्री जैन संघ इस तीर्थ की व्यवस्था सम्भालता है । प्राचीन और प्रभावशाली तीर्थ की यात्रा करने योग्य है । 

सामुदायिक यात्रा और मेलो के आयोजनो द्वारा ही ऐसे अज्ञात और प्रभावक तीर्थो का श्रद्धाळु भक्तो के परिचय मे ला सकते है । हर वर्षे पोष दसमी पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म दिन यहाँ  मेला लगता है । जिनालय की सालगीरी जेठ सुद चौथ के दिन हर्षोल्लास से मनायी जाती है । 


तीर्थ का पता 

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श्री आशापूरण पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन तीर्थ , 

मु. नून(जिल्लो -सिरोही) , वायाः कालंद्री (राजस्थान)

मोबाइल नम्बर - पुजारी 

96493 86783

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