Achalgarh Tirth

श्री अचलगढ तीर्थ श्री आदिनाथ भगवान 


aadinath bhgavan

          आबु में 1402 मीटर के बड़े शिखर पर संवत 1509 में राणा कुंभा ने किल्ला बनाया वहाँ धरणशाह के बड़े भाई रत्नाशाह के पुत्र सालिंग के पुत्र सहसाशाह ने सूमितसूरि म.सा. की प्रेरणा से चौमुखजी जिनालय बनाया। उत्तर दिशा में 1.5 मीटर 120 मण के पंचधातु के सुवर्णवर्ण श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा मूळनायक संवत 1566 में फागुण सुद 10 के दिन जयकल्याणसूरि हस्ते प्रतिष्ठा हुई। पूर्व में आदिनाथ भगवान , दक्षिण में शांतिनाथ भगवान की संवत 1518 वैशाख सुद 4 के दिन और पश्चिम में आदिनाथ भगवान की संवत 1529 वैशाख वद 4 के दिन अंजनशलाका लक्ष्मीसागरसूरि म.सा. के हस्ते डुंगरपुर के मंत्री साल्वाशा आदि ने कराई थी।

         मूळनायक की दोनों बाजु में काउस्सगीया प्रभुजी संवत 1134 के है। दूसरे मंजिल पर धातु के चौमुखजी में पूर्व दिशा के प्रभुजी 2100 वर्ष प्राचीन अलौकिक और प्रभावशाळी है। 18 धातु के प्रभु का वजन 1444 मण है। यहाँ पुंडरिक स्वामी की मूर्ति और तीन जिनालय है। तळेटी में शांतिनाथ भगवान का जिनालय है।
फोन नंबर 094141 54922



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