ye utsav to dixa ka
ये उत्सव तो दीक्षा का
( राग : ये बंधन तो प्यार का बंधन है )
हुआ दीक्षार्थी का दर्शन , करते है सब अभिनंदन ,
पुलकित है तन - मन कणकण खिल गया ये सारा उपवन ,
ये उत्सव तो दीक्षा का उत्सव है , जीवन का महोत्सव है . . . 1
जब जब भी यादे तेरी , हम सबको ये आयेगी ,
खाते - पीते सोते - उठते , हम सबको रुलायेगी ,
इस संयमपथ पर बहना , तुम आगे बढ़ते रहना ( 2 ) . . . ये उत्सव . . . 2
बहेनो के हृदय की , तुम हो सबसे प्यारी मूरत ,
बहेनो के दिल तड़पाये , जब देखे तेरी सूरत ,
ये सब बहेनों की प्यारी , परिवार की राजदुलारी ( 2 ) . . ये उत्सव . . . 3
बहना तेरी टपटप , टपके देखो आंसू ,
होगी तुं घर से विदा , सहे ना शके ये घटके ,
मेरी प्यारी बहेना देखो , गुरु चरणो में ये चली है ( 2 ) . . ये उत्सव . . . 4
होवेगा कोई शुभकाम , तो तेरी याद रुलायेगी ,
जब मिलेगा सारा परिवार तो , तेरी कमी तड़पायेगी ,
तेरा हमको छोड़ जाना , संयम के पथ पर बढ़ना ( 2 ) . . ये उत्सव . . 5
लवेश बुरड
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें