Veiragi ne vandan jain diksha song - वैरागीने वंदन

Veiragi ne vandan

वैरागीने वंदन 

( राग : शिव भोला भंडारी ) 

बनवा अणगार , तरवा भवपार , 
तोड्यां जेणे संसारना बंधन . . . वैरागीने वंदन . . . 

ओ दीक्षार्थी अमर रहो , दीक्षार्थीनो जय जय होजो , 
ओ मोक्षार्थी अमर रहो , मोक्षार्थीनो जय जय होजो , 
धन्य घडी आवी छे आजे , घंटनाद शंखनाद बाजे , 
त्याग करे छे मुक्ति काजे , विरला वैरागी ,
 . . . वैरागीने वंदन . . . 1 

भर यौवन मां सुखने छोड़ी , सुविधाओथी मुखने मोड़ी , 
कायानी पण ममता तोड़ी , निकळे वैरागी , 
तुजमां छे बल , कर संयम सफल , महावीरनो तुं छे नंदन ,
 . . . वैरागीने वंदन . . . 2 

संस्कारिता गई रे भागी , आधुनिकतानी धून लागी , 
आवा समयमां वैरागीना , दर्शन करे ते सोभागी , 
आवा युगमां पड़ता युगमां , दुर्लभ छे आवा दृश्यतुं सर्जन , 
. . . वैरागीने वंदन . . . 3 

जैनम संघवी 
थाणा

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