Sadhu Vandana - साधु वंदना

Dixa Stuti - Shadhu Vandana

साधु वंदना 


( राग : शिवरंजनी - तने रात दिवस हं याद करूं ) 
तजी मात तात स्वजन संबंधी प्यारा सौ परिवारने 
मूकी माया ने ममता नठारी स्वार्थ भर्या संसारने 
करे साधना एकांतमां एक पूर्ण पदनी झंखना 
ए श्रमणना शुभ चरणमां करूँ भावथी हुँ वंदना . . . 1 

तप त्याग ने स्वाध्यायमा तल्लीन जे निशदिन रहे 
उपसर्ग ने परिषह तणी वणझार जे हसतां सहे 
दशविध साधु धर्मनी करे भावथी आराधना 
ए श्रमणना शुभ चरणमां करूँ भावथी हुँ वंदना . . . 2 

तलवार धार समा महाव्रत पाळता जे आकरा 
नैष्ठिक ब्रह्मे राचता सवि जीवना जे आशरा 
वर हेमनी परे ओपता सेतु सकल कल्याणना 
ए श्रमणना शुभ चरणमां करूँ भावथी हुँ वंदना . . . 3 

साधे जे निरतिचार , पाँच महाव्रतोंना योगने 
जे वासी - चंदन कल्प , ना वांछे सुरादि भोगने 
इच्छे प्रशंसा ना कदी निंदक प्रति पण द्वेष ना
ए श्रमणना शुभ चरणमां करूँ भावथी हुँ वंदना . . . 4

A sraman na subh charan ma karu bhav thi hu vandana

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