Sadhna na pnthe aaje
साधनाना पंथे आजे
( राग : साथिया पुरावो द्वारे - मेना गुर्जरी )
साधनाने पंथे आजे , एक ऊँचो आतम जाय ,
आज एने आपीए , अंतरना रुड़ा आशीर्वाद ,
वहेली वहेली मळजो एने , मुक्तिनी मंजिल ( 2 ) ,
साधनाना पंथे . . . 1
ज्यां जुओ त्यां लोको आजे , सुखना साधन मांगे छे ,
ने दुःखथी छेटा भागे छे ,
विरला कोई निकळे छे जे , सुखसामग्री त्यागे छे ,
ने कष्ट कसोटी मांगे छे ,
वडलानो छांयो छोड़ीने ( 2 ) , रणना रस्ते तपवा जाय ,
आज एने आपीए . . . 2
धर्मतणा मारगमां जातां , लोको हांफी जाय छे ,
ने वचमां बेसी जाय छे ,
अभिनंदन ए आत्माने , जे लांबी सफरे जाय छे ,
ने होशें होशें जाय छे
नानुं एवुं बाळक जाणे ( 2 ) , मोटो डुंगर चढ़वा जाय ,
आज एने आपीए . . . 3
राग द्वेषना आ दरियामां , कैंक जीवो खेंचाय छे ,
ने अधवच डूबकां खाय छे ,
ए आत्माने वंदन हो , जे समये जागी जाय छे ,
ने डूबतां उगरी जाय छे ,
संयमनो सथवारो लईने ( 2 ) भवनो सागर तरवा जाय ,
आज एने आपीए . . . 4
प्रवीणभाई देसाई
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