Rag no tyag che
राग नो त्याग छे
चंदन जेवा शीतल बनवा , संयम आपो ओ गुरुराज ,
संयम केरु तेज खीलववा , आपो रजोहरण गुरुराज,
ममतानुं बंधन तोड़ावा , संयम आपो ओ गुरुराज ,
समता केरुं राज मेळववा , आपो रजोहरण गुरुराज ,
ऋषभ प्रभुनी वाटे विहरवा , संयम आपो ओ गुरुराज ,
जिनाज्ञा ने शीरे धरवा , आपो रजोहरण गुरुराज ,
पार्थने परमार्थी बनवा , संयम आपो ओ गुरुराज ,
आतमनुं कल्याण करवा , आपो रजोहरण गुरुराज . . . .
रागनो त्याग छे , त्यागनो राग छे ,
गुरुवरनी पासे , संयमनी मांग छे . . . ( 2 )
उगतो सूरज देखाय , सुंदर किरणो फैलाय ,
वहेती नदीओ छलकाय छे उमंगे ,
साधनानुं ज्यां संगीत रेलाय ,
प्रवज्याना ज्यां पगरव मंडाय . . . रागनो त्याग छे . . . 1
गुरुवरनी छाया छे , पुण्यनी पाग छे ,
मनोरथ फळीयो आ पार्थ महाभाग छे ;
संयम सुवासी , श्रमणोनो बाग छे ,
संयमे खिलता फूलनी पराग छे . . . रागनो त्याग छे . . . 2
प्रभु जीवनं , तव उज्ज्वलम् ; प्रभु संकल्पों , मम निश्चलम ;
प्रभु समर्पितं ते सकलम् ; प्रभु कुर्वन्तु वो मंगलम् . . .
आतम डोले छे , हैये विराग छे ,
तनमन झुमे छे , आनंद अथाग छे ,
वीरोथी वहेती , संयम सुराग छे ,
गुरुराजने प्रिय , वीरतिनो मार्ग छे , राग नो त्याग छे . . . 3
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