Mahavrat Vandana Jain Stavan Lyrics - महाव्रत वंदना

Mahavrat Vandana Jain Stavan Lyrics

महाव्रत वंदना जैन स्तवन 

( राग : मेरा जीवन कोरा कागज ) 
समता तणो मारग मळे , सावद्ययोगो ना रहे , 
मन वचन ने काया , सदा वीतरागनां व्रतने वहे , 
पावन करेमि सूत्रथी , उजमाळ आतमआँगणुं , 
आपे जिनेश्वर देवने ए ज्ञान मनपर्यवतणुं . . . 1 

हिंसा कदी करवी नहीं , आक्रोश दाखववो नहीं , 
अनुबंध कोई कषायनो , मनमांय साचववो नहीं , 
करुणा अने वात्सल्यथी , हैयुं सदा छलक्या करे , 
पहेलां महाव्रतने नमुं , मारां बधां पापो टळे . . . 2 

झूठं कदी ना बोलवू , माया कदी करवी नहीं , 
अपमान के आक्षेपनी भाषा , मुखे धरवी नहीं , 
प्रेमाळ शब्दो भाखवा , सच्चाईने संभाळवी , 
बीजा महाव्रतने नमुं , जिनवचन दृष्टि वाळवी . . . 3 

पूछ्या विना लेवू नहीं , अणहक तणो दावो नहीं , 
गुरुदेवनी आज्ञा विना , तो श्वास पण लेवो नहीं ,
माटी तणा आ देह माटे , भार शीद वधारवा ? 
त्रीजां महाव्रतने नमुं , मुज आतमाने तारवा . . . 4 

आँखे विकार वसे नहीं , वहेवारमा छे सादगी ,
आहारमा संयम रहे , ना देहनी छे बंदगी , 
हंमेश आतमरामनी मस्ती , मनोहर माणवी ,
चोथां महाव्रतने नमुं , ज्योति जीवननी जाणवी . . . 5 

जंगलमही न जमीन छे , ना शहेरमहीं मकान छे , 
ताळा तिजोरी छे नहीं , कबजा तणुं ना स्थान छे , 
संसारनी सामग्रीओ , सघळी ज लागे पारकी , 
पंचम महाव्रतने नमुं , अवधूतनी लगनी थकी . . . 6 

सूरज तणा अजवासमां , निर्दोष भिक्षा वापरे , 
राते कदी खावा - पीवा , केरो विचार नहीं करे , 
ना कंई रसोडे रांधवू , धोवाण क्यांय न फेंकवुं , 
छठा परमव्रतने नमुं , प्रशमामृते पावन थवु . . . 7

पु. मुनि श्री प्रशमरति वि. म. सा. 
(श्री रामचंद्र सूरिजी समुदाय)

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