Kevu Rudu Jivan Jive Che Muniray - केवुं रुडुं जीवन जीवे छे मुनिराय

Kevu Rudu Jivan Jive Che Muniray Lyrics

केवुं रुडुं जीवन जीवे छे मुनिराय 

( तर्ज : श्याम ! तेरी बंसी . . ) 
केवुं रुडुं जीवन जीवे छे मुनिराय , 
निरखुं ने आंखोमां अमृत छलकाय , 
दुःख दे ना कोई ने , सहन करे छतांय , 
मुखड़ा पर समता ने शांति सदाय . . . 1 

रोमे रोमेथी वहे करुणानी धारा ( 2 ) , 
षट्काय सौ जीवो मुनिवर ने प्यारा ( 2 ) , 
स्नेह राखे ( 2 ) सौ पर दर्भाव नहीं क्यांय ( 2 ) . . . निरखुं . . . 2 

भूख - तरस ठंडी - गरमी ए सही ले ( 2 ) , 
पण दुःख नानकडु कोइने नहीं दे ( 2 ) , 
चैतन्य ( 2 ) क्यांय जुए मुनिवर मलकाय ( 2 ) . . . निरखुं . . . 3 

दुःख ना पहोंचे कोईने , एवुं छे जीवन ( 2 ) , 
" सुख पामे सौ ' ' एवी भावनाभर्यु मन ( 2 ) , 
वंदु हुं ( 2 ) भाव धरी मुनिवरना पाय ( 2 ) . . . निरखुं . . . 4 

झरणुं आ उपशमनु , ज्ञाननो आ दीवो ( 2 ) , 
जगनुं घरेणुं मुनिवर घणुं जीवो ( 2 ) , 
झळहळीओ ( 2 ) ठरीओ पामीने एनी छांय ( 2 ) . . . निरखुं . . . 5

टिप्पणियाँ