Eva Muniraj Amara diksha Song - एवा मुनिराज अमारा

Eva Muniraj Amara Diksha Song

एवा मुनिराज अमारा दीक्षा सोंग 

( राग : घनन घनन घनन घिर आय बदरा ) 
झनन झनन झन . . . 
झनन झनन झन जयजयकारा 
धनधन धवल चिर धरनारां 
करमां रजोहरणने धरता 
परम प्रभुना पंथे वहेता . . . एवा मुनिराज अमारा . . . 1 

ज्ञान नदी ना ( 2 ) निर्मल नीर वहावे 
अरिहंतोना आदेशोथी आतमहित करावे 
समता धारे , ममता मारे ( 2 ) 
व्रतोमा रहे अटल , दुःखों मां रहे अचल 
बनीने कमल , रहे छे विमल 
मिटावे भवोभवना कर्मोना मल . . . 
राग करे ना रोष करे ना 
समभावे रहेनारा . . . झनन . . . 2

सुखने छोडे छे , दुःख ने तेडे छे 
वहे छे महाव्रतोनो भार जीवनभर 
कष्ट जो आवे तो , मजेथी भेटे छे 
रहे छे गुरु शरणमां ए सदा नीडर , 
तप ना तापे , तपावे तन - मन , 
आत्मध्यानमा रहे छे रमण , 
क्रोध ना करे कदा , शांतिथी रहे सदा , 
धरे छे क्षमा , नथी अणगमा , 
चहे छे मुक्तिरुपी मनोहर रमा , 
पाप करे ना घात करे ना , 
सौना रक्षणहारा . . . झनन . . . 3

टिप्पणियाँ