Ek Din Diksha lunga Lyrics - एक दिन दीक्षा लुंगा

Ek Din Dixa Lunga Lyrics

एक दिन दीक्षा लुंगा 


( राग : एक दिन बीत जायेगा ) 

एक दिन दीक्षा लुंगा , मन में ये भाव , 
एक दिन रख दूँगा मैं सयंम पथ पे पाँव ( 2 ) , 

एक दिन विरतीधर का पहेन लुंगा वेश , 
एक दिन लोचुंगा मैं निज हाथों से केश , 
एक दिन दीक्षा लूँगा मन में ये भाव , 
एक दिन रख दूंगा मैं संयम पथ पे पाव , 
संयम लेना संयम . . . 1 

संसारी बनकर भव भव पाप ही ओढ़े , 
हिंसाचार पापाचार से कर्म ही जोड़े ( 2 ) , 
पुण्य धर्म नित खोया , बस दुःखो को बोया , 
हर एक गति में खाये कर्मों से कोड़े , 
सुनते ही जिनवाणी आतम ये जागी , 
भवजल के दलदल में देखी संयम नाव , 
एक दिन दीक्षा लुंगा मन में ये भाव , 
एक दिन रख दूँगा मैं संयम पथ पे पाव , 
संयम लेना संयम . . . 2 

स्पर्शा है हर एक राजलोक मैंने , 
भोगा हर परमाणुं हर एक पुदगल मैंने ( 2 ) , 
आसक्ति विषयों की , ये तृष्णा इन्द्रियों की त्यागनी है , 
नश्वर चाहत आना है हमे , 
शाश्वत सुख पर मेरा पूरा है अधिकार , 
पाना है अब मुजको अपना मूल स्वभाव , 
एक दिन दिक्षा लूँगा मन में ये भाव , 
एक दिन रख दूँगा मैं संयम पथ पे पाव , 
संयम लेना संयम . . . 3

प्रदीपजी ढालावत
मुंबई

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