Aa to Chalya Chhodi Sansar - आ तो चाल्या छोड़ी संसार

Aa To Chalya Chhodi Sansar Jain Diksha Stavan

आ तो चाल्या छोड़ी संसार जैन दीक्षा स्तवन 

( राग : कहे दो कोई ना करे यहाँ प्यार ) 
आ तो चाल्या छोड़ी संसार , 
मात - पिता छोड़ी , माया ममता मूकी , 
एने वंदन वारंवार . . . आ तो चाल्या . . . 

भवोभवना बंधन , तोड़वा आजे ( 2 ) , संयम पंथे ए चाल्या हवे ( 2 ) 
एना दर्शन करु , एणे वंदन करूँ , बनशे ए जिनशासन शणगार ( 2 ) आ तो चाल्या . . . 1 

सत्त्व वधार्यु छे संयम लेवा ( 2 ) , सिंह जेम जंगलमां शोभे एवा ( 2 ) 
तारूँ जीवन जोई , भागे कर्म रोई , तारा भावो करे रणकार , आ तो चाल्या . . . 2 

चतुर्विध संघना आशिष लई ( 2 ) , सह कोई आपे छे आजे वधाई ( 2 ) 
एने मोतीड़े वधावो , एने अक्षते वधावो , एणे तोड़वी छे कर्म झंझाळ , आ तो चाल्या . . . 3 

गुरुवरनी आज्ञा छे , प्रभुजीनी आन , जिनशासननी बनजे तु शान , 
तु तो मुक्ति पहोंचे , सौने साथे लेजे , आटली करशो करुणा अपार , आ तो चाल्या . . . 4 

प्रवीणभाई वाडीलाल शाह
( डभोईवाला )

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