Vesh Parivartan swagat Geet
वेष परिवर्तन पछी मंडप प्रवेश
( राग : चांदी जैसा रंग है . . . )
श्रमण वेषमां केवा शोभे , मुमुक्षुना देदार ,
श्वेत वस्त्र काया पर हैये , उज्ज्वल ध्याननी धार . . .
मनगमतुं पामीने मुखडु , मीठु मीठु मलके ( 2 ) ,
दुनिया आखीनी खुशिओ , एना चहेरा पर झळके ,
" प्रशम भावमा हवे ठरीशुं " , भाव हृदयमा छलके ,
एनी आँखोंमां घूघवे छे ( 2 ) , शमणां पारावार . . . 1
धरती पर नयणां ढाळीने , हळवे हळवे चाले ( 2 ) ,
बंधन तोड़ी आवी गया छे , मुक्तिनी पगथारे ,
अध्यातमनी अगमनिगमनी , मस्तीमा ए महाले ,
आँखे करुणा हैये समता ( 2 ) , शोभे छे शणगार . . . 2
पू . पं . श्री मोक्षरति वि . म . सा .
( श्री रामचंद्रसूरिजी समुदाय )
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