Sravan vesha ma Prdakshina - श्रमण वेषमां प्रदक्षिणा

Sravan vesha ma Prdakshina
श्रमण वेषमां प्रदक्षिणा 


अक्षत वधामणां 


( राग : मैं देखुं जिस ओर सखी री सामने मेरे सांवरिया ) 

नूतन दीक्षित मुनिने आजे , मंगल भावे वधावो रे , 
( नूतन दीक्षित मुनिराजोने ) ( नूतन दीक्षित साध्वीजीओने ) 
( नूतन दीक्षित साध्वीजीने ) ( नूतन दीक्षित भगवंतोने ) 

संयम पालन निर्मळ करजो , 
जिनशासनने उज्ज्वळ करजो , 
सिद्धि सफळता ( 2 ) झळहळ वरजो , एवा भावे वधावो रे . . . 1 

स्वाध्याय करजो , सेवा करजो , 
भक्ति मैत्री शुद्धि वरजो , 
सुख - दुःख आव्ये ( 2 ) , समता धरजो , एवा भावे वधावो रे . . . 

हेतनी हेलि वहावो रे , प्रेम अमृत वरसावो रे , 
भक्तिना रंग बिछावो रे , शरणाई वगडावो रे , 
नयनयुगल छलकावो रे , आवो , मुख मलकावो रे , 
आतमज्योत जलावो रे , अक्षत भावे वधावो रे . . . 2 

पू . पं . श्री मोक्षरति वि . म . सा . 
( श्री रामचंद्रसूरिजी समुदाय )

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