Run Swikar ऋण स्वीकृति

Diksharthi Run Swikar
दीक्षानी पूर्व सन्ध्याए प्रभु भक्ति 


ऋण स्वीकृति . . . 


( राग : उडके पवन के संग चलूंगी , रुक जा ये हवा ) 

क्यांथी मने तुं क्यां लई आव्यो , 
रणमांथी मधुवनमां लाव्यो 
एक तुं मारो नाथ , एक तुं साचो साथ 

नरक - निगोदे सबड्यो छुं हुं 
थइने असंज्ञी रखड्यो छुं हुं 
दिव्य भोगमां अटवायो ( 2 ) 
पशु गतिमां पटकायो 
तें निहाळ्यो . . . तें उगार्यो . . . एक तुं . . . 1 

मानवभव ने धार्मिक स्वजनों , 
ज्ञानी गुरुनां मार्मिक वचनों , 
भावझरण फूटयां मनमां ( 2 ) , 
गुणसुमन खिल्या जीवनमां , 
उपकारो . . . आ कहे छे . . . एक तुं . . . 2 

संयमरंगे झळहळ तन हो , 
समतारसथी शीतळ मन हो , 
आंख करुणाथी छलके ( 2 ) , 
मुखडु मैत्रीभावे मलके , 
मारा आशा पूरी करजे . . . 3 

पू . पं . श्री मोक्षरति वि . म . सा . 
( श्री रामचंद्रसूरिजी समुदाय )

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