Diksharthi Mandap Pravesh दीक्षा मंडप प्रवेश

Diksharthi Mandap Pravesh
दीक्षा मंडप प्रवेश 


( राग : उड़के पवन के संग चलूंगी ) 

आवी गयो हुं , शरणे स्वामी ! 
हरखे हैयुं , तुजने पामी , 
रहेजे आसपास , रहेजे श्वास श्वास . . . 

साथी स्वजनो सौने छोड़ी 
तारे द्वारे आव्यो हं दोड़ी 
तुजने एक सारो मान्यो , 
तुजने एक मारो मान्यो , 
छे सहारो , एक तारो . . . रहेजे आसपास . . . 1 

जीवनभर हवे शरणे रहे , 
तारी साथे खळखळ वहेवू , 
तुजने छोड़ी क्याय न जावुं , 
गीत समर्पणनुं गावं , 
अभिलाषा लइ आव्यो . . . रहेजे आसपास . . . 2 

पू . पं . श्री मोक्षरति वि . म . सा . 
( श्री रामचंद्रमूरिजी समुदाय )

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