O Vitragi Vinavu chu Swami Lyrics Jain Stavan ओ वितरागी विनवू छु स्वामी

O Vitragi Vinavu chu Swami Lyrics Jian Stavan 

( राग : प्यार हमारा अमर रहेगा . . . )
ओ वितरागी विनवू छु स्वामी , अमने उगारो अंतर्यामी , 
तमे वितरागी अमे रंगरागी , तोय तमारी करुणानी खामी . . . . 

कया रे जनमना पापो नडे छे , जुदाइनी पीडा सहेवी पडे छे , मनहुं झुरे आ तन तरफडे छे , कर्मो आ केवी किस्मत घडे छे . . . 1 

तडके छे वृक्षोथी तुटेली डाळी , लागणीओ थई छे घणी रे भारी ,
 एकले हाथे वागे ना ताळी , तुम विन मारी जिंदगी छे खाली . . . 2

वरसोथी आंखो वरसी रही छे , तोय आ नजरो तरसी रही छे , 
दर्शन देखाडो तरस छीपाव , मारा मनडानी मुंझवण मीटावो . . . 3 

मन थाय मनमां मळु हूं तमोने , पण तमे क्यां छो पुछु हूं कोने , 
तमे जो मारी प्रीत संभाळो , मने मळवानी कडे बतावो . . . 4 

दिवसो विते छे ने वीते छे रातो , जनमो जनम नो आपणो छे नातो ,
जो जे भुलाय ना प्रीतनी वातो , झंखे छे ज्योत दिवडो बुजायना . . . 5

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